सीएम योगी आदित्यनाथ का फुल इंटरव्यू , की सभी मुद्दों पर बात , युवाओ को रोजगार देने की योजना से लेकर राम मंदिर , क्लिक करे और पढ़े पूरा इंटरव्यू

सीएम योगी आदित्यनाथ का फुल इंटरव्यू , की सभी मुद्दों पर बात , युवाओ को रोजगार देने की योजना से लेकर राम मंदिर , क्लिक करे और पढ़े पूरा इंटरव्यू  



शशि शेखर : आप क्रिया योग के अभ्यासी हैं। राजयोग कैसा लग रहा है? 
योगी आदित्यनाथ : एक योगी के लिए कुछ भी असंभव और दुरूह नहीं होता। कर्मयोगी के रूप में पूरे समर्पण के साथ जिस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश का नेतृत्व कर रहे हैं, उससे भारत आज दुनिया भर के लिए एक प्रतीक बन चुका है। राजनीति में ऐसी ही आवश्यकता है। इसमें मेरे जैसे व्यक्ति के लिए किसी तरह की कठिनाई नहीं है।

शशि शेखर : योग-अध्यात्म की दिशा में जाने की प्रेरणा कैसे मिली?
योगी आदित्यनाथ : विद्यार्थी जीवन में सोचता था कि जीवन का उद्देश्य क्या है? क्या पढ़-लिखकर नौकरी करके घर-गृहस्थी चलाना ही जीवन है? मैं कई आश्रमों में गया, कई संतों के संपर्क में आया। विद्यार्थी जीवन में योग के प्रति रुचि थी। जिज्ञासा थी कि क्रिया योग कहां से आया? पता चला कि क्रियात्मक योग महायोगी गोरक्षनाथ की देन है। उन्होंने हर प्रकृति और हर उम्र के लोगों के लिए क्रिया योग साधना की अलग-अलग राहें बताई हैं। मैंने उनके बारे में और जानकारी हासिल की। वह राम जन्मभूमि आंदोलन का समय था। मेरी मुलाकात राम जन्मभूमि मुक्ति समिति के अध्यक्ष महंत अवेद्यनाथ जी से हुई। मैं उनके निकट संपर्क में आया। उनसे योग की प्रारंभिक शिक्षा लेने के बाद गोरखनाथ मंदिर के योग संस्थान में रहकर योगाभ्यास करने लगा। 

शशि शेखर : महंत अवेद्यनाथ जी का राम जन्मभूमि आंदोलन से बड़ा जुड़ाव था। उन्होंने अयोध्या में भव्य राम मंदिर का सपना देखा था। क्या उनका सपना बहुत जल्द पूरा होने जा रहा है? 
योगी आदित्यनाथ : सपने तो साकार होने के लिए ही देखे जाते हैं। मुङो लगता है कि नीयत अच्छी हो, तो नियंता भी साथ देता है। 

शशि शेखर : आपके कार्यकाल का एक साल पूरा होने तक क्या राम मंदिर निर्माण की नींव रखी जा सकेगी?
योगी आदित्यनाथ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विजन 2022 सबके सामने रखा है। यह संकल्प से सिद्धि की यात्र है। 2022 में देश आजादी के 75 वर्ष पूरे कर रहा होगा। तब तक देश को गरीबी, भ्रष्टाचार, आतंकवाद, अराजकता से मुक्त कराना है। यही स्थिति तो रामराज्य है। देश रामराज्य की ओर बढ़ रहा है।

शशि शेखर : आपने जवाब नहीं दिया। क्या आपका एक साल का कार्यकाल पूरा होते-होते राम मंदिर निर्माण शुरू हो जाएगा?
योगी आदित्यनाथ : हम तो रोज ही इस दिशा में काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने संकल्प से सिद्धि का जो मंत्र दिया है, उस दिशा में हम लोगों ने प्रयास प्रारंभ कर दिया है। मैं मुख्यमंत्री बनने के बाद तीन बार अयोध्या गया हूं। अयोध्या का विकास हो रहा है।

शशि शेखर : अयोध्या के लोग कहते हैं, हमारी कोई सुधि लेने वाला नहीं है। यह दिखता भी है। रोम या भारत में ही दक्षिण भारत के तीर्थ स्थानों को देखकर लगता है कि अयोध्या का वैसा विकास नहीं किया गया?
योगी आदित्यनाथ : अयोध्या उपेक्षित थी। हम लोगों ने विकास शुरू किया। विकास का एक रोडमैप तैयार किया है। 137 करोड़ की योजनाएं शुरू की गई हैं। वहां भव्य रामलीला का आयोजन फिर से शुरू किया है। सरयू जी की आरती के लिए काम किया है। सरयू जी और अयोध्या तक रिवर फ्रंट बनाया जाएगा। हम रामायण की थीम को किस रूप में प्रस्तुत कर सकते हैं, इस पर मंथन चल रहा है।

शशि शेखर : मंदिर निर्माण के अलावा सारी बातें हो रही हैं?
योगी आदित्यनाथ : कोई भी बड़ा काम करने के लिए उसकी प्रस्तावना लिखना जरूरी होता है। विकास के काम उसी दिशा में शुरू किए गए हैं। बड़ा कार्य करने से पहले आपको कुछ तो तय करना होगा न..।

शशि शेखर : उत्तर प्रदेश में हर वर्ष 15 लाख बच्चे इंजीनियरिंग पढ़कर निकलते हैं। उन्हें रोजगार के लिए देश के दूसरे हिस्सों में जाना पड़ता है। प्रदेश में ही उनके रोजगार के लिए क्या करेंगे? 
योगी आदित्यनाथ : हम लोगों ने एक नई औद्योगिक नीति बनाई है। फरवरी में ग्लोबल समिट आयोजित करेंगे। प्रदेश में औद्योगिक वातावरण के लिए कानून का राज चाहिए। उद्योग के लिए लैंड बैंक चाहिए। हम इस दिशा में काम कर रहे हैं। एक महीने में पूर्वाचल एक्सप्रेस-वे पर काम का शुभारंभ हो जाएगा। मार्च तक बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का काम शुरू कर देंगे। 

शशि शेखर : आपके कार्यकाल में दोनों एक्सप्रेस-वे पूरे हो जाएंगे?
योगी आदित्यनाथ : आप क्या मानते हैं? मेरा कार्यकाल असीमित है। कार्यकाल को सीमाओं में क्यों बांध रहे हैं? मैं जब पहली बार गोरखपुर से सांसद चुना गया, तो लोगों ने पूछा, आप क्या करेंगे? उस समय गोरखपुर में दो बड़े मुद्दे थे। दूरदर्शन स्टूडियो भवन का निर्माण और धर्मशाला बाजार में ओवरब्रिज। ये दोनों ही शिलान्यास एक साल में हो गए। काम पूरे हो गए। उसके बाद तो छह ओवरब्रिज, खाद कारखाना, एम्स और भी कितने काम हुए। आज वे मुद्दे ही नहीं हैं। मैं कह सकता हूं कि प्रदेश के ये दोनों एक्सप्रेस-वे तो बन ही जाएंगे, जेवर में एयरपोर्ट और यूपी में रीजनल एयर कनेक्टिविटी के तहत सभी शहरों को हवाई मार्ग से जोड़ दिया जाएगा। 

शशि शेखर : उत्तर प्रदेश के नौजवानों को रोजगार दिलाने के लिए क्या करेंगे?
योगी आदित्यनाथ : प्रदेश में छह लाख बेरोजगार युवाओं का पंजीकरण किया गया है। इनमें से तीन लाख से अधिक बेरोजगारों को प्रशिक्षित कर उद्योगों में नौकरी लायक बनाया जाएगा। हम आने वाले छह माह में चार लाख सरकारी नौकरियां लेकर आने वाले हैं। 

शशि शेखर : कानून-व्यवस्था की बात करें, तो लगता है कि यूपी में पुलिस को एनकाउंटर की छूट दे दी गई है। जितने एनकाउंटर अभी कुछ महीने में हुए हैं, उतने तो साल-दो साल में नहीं हुए होंगे?
योगी आदित्यनाथ : पहले की सरकारें अपराधियों को संरक्षण देती थीं। अपहरण करने के लिए उनका उपयोग करती थीं। अपना राजनीतिक उल्लू सीधा करती थीं। हमने चुनाव में ही कहा था कि अपराध के मुद्दे पर जीरो टॉलरेंस की नीति रहेगी। वही कर भी रहे हैं। पुलिस के काम में कोई राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं है। 1,400 से ज्यादा एनकाउंटर हुए हैं। पहली बार अपराधी अपनी जमानत निरस्त कराकर जेल जा रहे हैं। 1,100 बदमाशों ने प्रदेश के बाहर की जेलों में सरेंडर किया। 800 अपराधी सरेंडर कर खुद ही उत्तर प्रदेश की जेलों में पहुंच गए हैं। आम जनता के प्रति पुलिस का व्यवहार ठीक हो, इसके लिए प्रयास जारी हैं। यूपी में कानून का राज स्थापित करने के प्रति हम प्रतिबद्ध हैं।

शशि शेखर : पुलिस में ढाई लाख पद खाली हैं?
योगी आदित्यनाथ : अगले तीन वर्षो में कांस्टेबल व सब-इंस्पेक्टर के 1.46 लाख खाली पदों को भरा जाएगा। प्रक्रिया प्रारंभ हो रही है। इसी दिसंबर में 47 हजार पुलिसकर्मियों की भर्ती पूरी हो जाएगी। यूपी से लगी नेपाल सीमा पर राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से भी हमें सतर्क रहना पड़ता है। पिछले 15 वर्षो में जिस तरह की राजनीति की गई, उसके कारण बड़ी चुनौतियां सामने हैं। हमने एसटीएफ, एटीएस को सशक्त किया है। प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए एसडीआरएफ के गठन की प्रक्रिया शुरू की है। पीएसी की 54 कंपनियां पिछली सरकारों ने खत्म कर दी थीं। हम उन्हें फिर से गठित करेंगे। 

शशि शेखर : पीएसी पर कई आरोप लगते रहे हैं? क्या उसे नए तौर-तरीके से काम करने का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है?
योगी आदित्यनाथ : पीएसी पर कोई आरोप नहीं था। खास मानसिकतावश और वोटबैंक के लिए कोई फोर्स को बदनाम करे, तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है। पीएसी ने बहुत अच्छा काम किया था। हम खत्म की गई 54 कंपनियों का फिर गठन करेंगे। उसमें भर्तियां करने जा रहे हैं। हम पीएसी का गौरव वापस दिलाएंगे। शशि शेखर : अभी आपने पीएसी के राजनीतिक इस्तेमाल पर बात की। आपका उपयोग गुजरात और केरल में किया जा रहा है। कुछ लोग मानते हैं कि इससे एक खास वर्ग में भय का वातावरण बनता है?योगी आदित्यनाथ : सात महीने में तो यूपी में किसी ने नहीं कहा। यूपी के लोग सुरक्षित हैं, तो बाकी देश के लोगों को चिंता करने की जरूरत नहीं है।

 शशि शेखर : आपने धार्मिक पर्यटन की बात कही है। अयोध्या के साथ आप काशी-मथुरा का नाम भी जोड़ते हैं। इसका लोग सियासी अर्थ निकालते हैं। लोगों को लगता है कि अयोध्या के बाद काशी-मथुरा में भी कुछ होने जा रहा है?
योगी आदित्यनाथ : हम लोगों ने प्रदेश के सभी तीर्थ स्थलों के लिए परियोजना शुरू की है। अयोध्या में 137 करोड़ से पर्यटन की योजनाएं चल रही हैं।

 शशि शेखर : मैं पर्यटन की बात नहीं कर रहा। जैसे ही आप अयोध्या के साथ काशी-मथुरा जोड़ते हैं, लोगों को संघ का पुराना एजेंडा याद आ जाता है।
योगी आदित्यनाथ : अयोध्या, काशी, मथुरा समेत हमारी सात पवित्र नगरियां हैं। इनमें चित्रकूट भी है, प्रयागराज भी। वहां भी गया। मैं आगरा भी तीन बार गया हूं। इन सभी तीर्थ स्थलों का विकास पर्यटन की दृष्टि से किया जाएगा।

शशि शेखर : आप आगरा भी गए, ताजमहल भी गए थे। वहां आपने कहा कि ताजमहल भारतीयों के खून-पसीने से बना है। अकबर ने सुलहकुल की नीति आगरा में बनाई थी। क्या मैं नई सुलहकुल की नीति लखनऊ में पैदा होती देख रहा हूं?

योगी आदित्यनाथ : मैंने अयोध्या से शुरुआत की है। आगरा भी गया हूं। अयोध्या का विकास भी होगा, आगरा का भी। प्रदेश में पर्यटन की व्यापक संभावनाएं हैं। पर्यटन विकास से तमाम रोजगार सृजित होंगे।

शशि शेखर : महिलाएं सवाल करती हैं कि ऑपरेशन रोमियो सड़क पर उनकी रक्षा करता है। लेकिन महिलाओं को घरेलू हिंसा और उत्पीड़न से बचाने के लिए क्या करेंगे? उनको न्याय में देरी न हो, इसके लिए सरकार क्या कर रही है?
योगी आदित्यनाथ : चौराहों पर शोहदे, शरारती तत्व बहन-बेटियों की सुरक्षा के लिए खतरा बने थे। उनके खिलाफ कार्रवाई हो ही रही है। घर में महिलाओं का उत्पीड़न रोकने के लिए ही 1090 हेल्पलाइन जारी की गई है। इस पर महिलाएं अपने उत्पीड़न की शिकायत कर सकती हैं। प्रदेश के 75 जिलों में 110 रेस्क्यू वैन उत्पीड़ित महिलाओं को राहत पहुंचाने के लिए दी गई हैं। 100 से ज्यादा फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाए जा रहे हैं, ताकि महिलाओं को त्वरित न्याय मिल सके। 

शशि शेखर : लोग कहते हैं कि मुख्यमंत्री बनने के बाद आपके व्यक्तित्व में तब्दीली आई है। आप सीएम बनने से पहले मुस्कराते नहीं थे, लेकिन अब मुस्कराते हुए दिख जाते हैं। अब गुस्से में नहीं दिखते?
योगी आदित्यनाथ : मुझमें तो कोई परिवर्तन नहीं आया है। शायद लोगों का दृष्टिकोण बदल गया होगा मेरे बारे में।

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