इस सत्र में बेसिक स्कूलों में शिक्षको के तबादले नहीं , शिक्षको को अपने गृह जिले में वापसी को करना होगा अभी और इंतज़ार , क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर

इस सत्र में बेसिक स्कूलों में शिक्षको के तबादले नहीं , शिक्षको को अपने गृह जिले में वापसी को करना होगा अभी और इंतज़ार , क्लिक करे और पढ़े पूरी   खबर 




अपने गृह जिले में वापसी की बाट जोह रहे बेसिक स्कूलों के शिक्षकों को इस सत्र में मायूसी ही हाथ लगने के आसार हैं। सत्र खत्म होने में महज चार महीने बचे हैं, लेकिन तबादला नीति पर अब तक हाई कोर्ट में मामला लंबित है। दूसरी ओर चुनाव की आचार संहिता भी लागू है। ऐसे में इस सत्र में तबादलों की संभावना न के बराबर है। 

बेसिक शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के तबादला की नीति 13 जून को जारी की थी। इसके तहत पहले सरप्लस शिक्षकों का दूसरे स्कूलों में समायोजन होना था। दूसरे चरण में जिले में ही शिक्षकों का एक स्कूल से दूसरे स्कूल तबादला होना था। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद एक जिले से दूसरे जिले में आवेदन के आधार पर शिक्षकों के तबादले किए जाने थे। इसके लिए 5 वर्ष न्यूनतम सेवा की शर्त रखी गई थी।

 तबादला नीति में शिक्षकों के पदों का निर्धारण करने के लिए 30 अप्रैल तक की छात्रसंख्या को मानक बनाया गया था। लेकिन, जुलाई में स्कूल खुलने के बाद फिर दाखिले होने पर करीब जिसमें दो लाख से अधिक छात्र बढ़े थे। अभी जिलों के भीतर शिक्षकों के समायोजन और तबादले की प्रक्रिया पूरी भी नहीं हुई थी कि 30 अप्रैल की छात्रसंख्या को मानक बनाने के खिलाफ कुछ शिक्षक हाई कोर्ट चले गए। अब तक इस पर फैसला नहीं हो सका है, जिसके चलते तबादले की पूरी प्रक्रिया ठप पड़ी है।

इसलिए मुश्किल है राह 
बेसिक स्कूलों का सत्र अप्रैल से शुरू हो जाता है। लिहाजा चार महीने बाद नया सत्र प्रारंभ हो जाएगा। 1 दिसंबर तक चुनाव आचार संहिता लगी है। अगर हाई कोर्ट से तबादले की राह की बाधा दूर भी हो जाती 
है तो भी इस पूरी प्रक्रिया में एक महीने से अधिक समय लगेगा। दूसरी ओर फरवरी से बेसिक स्कूलों में वार्षिक 

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