शिक्षा के लिहाज से अभ्यर्थियों के लिए बुरे सपने जैसा रहा साल 2017 , क्लिक करे और पढ़े साल 2017 का रिपोर्ट कार्ड और साल 2018 से उम्मीदे
उच्च शिक्षा के लिहाज से इलाहाबाद के लिए साल 2017 बुरे सपने सा रहा। भर्ती आयोगों से उम्मीद लगाए प्रतियोगी छात्रों को निराशा हाथ लगी तो वहीं इलाहाबाद विश्वविद्यालय, इलाहाबाद राज्य विश्वविद्यालय अपनी ही समस्याओं में उलङो रहे। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की भर्ती परीक्षाओं की सीबीआई जांच के आदेश बड़ी घटना रही।शहरवासियों के लिए एकमात्र खुशखबरी सौम्या पांडेय का आईएएस में चौथी रैंक हासिल करना रही। मानव संसाधन विकास मंत्रलय की संस्था नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) की ओर से जारी देशभर के शिक्षण संस्थानों की रैंकिंग में मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनएनआईटी) 18 पायदान नीचे चला गया है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय की हालत इससे बदतर रही और इसकी रैंकिंग 27 स्थान नीचे चली गई।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय और संघटक महाविद्यालयों में दो दशक बाद शिक्षक भर्ती शुरू हुई लेकिन विवादों का साया बना रहा। इविवि को तो शिक्षक भर्ती के लिए दो-दो बार विज्ञापन जारी करना पड़ा। सीएमपी, श्यामाप्रसाद मुखर्जी फाफामऊ, ईश्वर शरण और आर्य कन्या डिग्री कॉलेज में पहले चरण की शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया विवादों के बीच पूरी हुई।
प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के कारण सभी भर्ती आयोगों का कामकाज ठप हो गया। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने चयन प्रक्रिया तो शुरू की लेकिन पूरे साल में कोई बड़ा परिणाम घोषित नहीं कर सका। उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग और माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड का कामकाज पूरी तरह ठप रहा। जुलाई में सरकार ने दोनों संस्थाओं के विलय का निर्णय लिया लेकिन बाद में निर्णय वापस ले लिया।
2017 के पांच मलाल
1. उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की भर्तियों में गड़बड़ी की जांच के लिए सीबीआई जांच के आदेश हुए, संस्था की गरिमा पर धब्बा लगा।
2. सीएमपी, ईश्वर शरण, आर्य कन्या, श्यामा प्रसाद मुखर्जी डिग्री कॉलेज की शिक्षक भर्ती को लेकर विवाद हुआ।
3. उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग और माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की भर्तियां ठप रहीं।
4. इलाहाबाद राज्य विश्वविद्यालय को अपना परिसर नहीं मिल सका, उधार की बिलिं्डग से काम चलाना पड़ रहा।
5. इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आरएल हांगलू और छात्रों के बीच सालभर टकराव की स्थिति बनी रही।
2018 में पांच बड़ी उम्मीद
1. इलाहाबाद राज्य विश्वविद्यालय को सरस्वती हाईटेक सिटी में अपना कैम्पस मिलेगा।
2. 2018 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय को 500 से अधिक प्रोफेसर, एसोसिएट व असिसटेंट प्रोफेसर मिलेंगे।
3. उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन के बाद अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों को दो हजार असिसटेंट प्रोफेसर मिलेंगे।
4. उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड का गठन होगा और एडेड कॉलेजों को 11 हजार से अधिक शिक्षक मिलेंगे।
5. उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग राजकीय विद्यालयों के लिए नौ हजार से अधिक एलटी ग्रेड शिक्षकों की भर्ती करेगा।
नौकरियों से सम्बन्धित हर जानकारी को अपने मोबाइल पर पाने के लिए हमारी आधिकारिक एप डाउनलोड करें -