देश के प्राइमरी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चो को पढ़ा रहे है अनट्रेंड टीचर ,पूरे देश में है 13 लाख से भी अधिक अप्रशिक्षित शिक्षक , क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर

देश के प्राइमरी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चो को पढ़ा रहे है अनट्रेंड टीचर ,पूरे देश में है 13 लाख से भी अधिक  अप्रशिक्षित शिक्षक , क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर 




देश में प्राइमरी स्कूलों में पढ़े रहे नौनिहालों को अनट्रेंड टीचर पढ़ा रहे हैं। सरकार ने इन अप्रशिक्षित शिक्षकों को प्रशिक्षण देने के लिए आंकड़े एकत्रित किये तो वे चौंकाने वाले निकले। पूरे देश में 13 लाख से अधिक अप्रशिक्षित शिक्षक हैं, जिनमें से सबसे ज्यादा बिहार में करीब पौने तीन लाख हैं। 

मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और असम में भी एक लाख से अधिक अप्रशिक्षित शिक्षक हैं। अब उन्हें प्रशिक्षण दिया जाएगा। सरकार ने शिक्षा का अधिकार कानून के तहत सबको शिक्षा उपलब्ध कराने का बीड़ा उठाया गया था। इस कानून के लागू होने के बाद स्कूल जाने वाले बच्चों की संख्या बढ़ी और बीच में ही स्कूल छोड़ने वालों की संख्या भी घटी। लेकिन उस वक्त प्रशिक्षित शिक्षकों की कमी के कारण राज्य सरकारों ने स्नातक और बीएड डिग्री धारियों को प्राइमरी स्कूलों में टीचर नियुक्त कर दिया। इससे प्राइमरी शिक्षा का स्तर गिरा। क्योंकि प्राइमरी शिक्षा के लिए विशेष ट्रेनिंग की जरूरत होती है। 

प्राइमरी स्कूलों के लिए कहीं बीटीसी, कहीं जेबीटी और कहीं कुछ नाम से प्रशिक्षण दिया जाता है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय की तरफ से कराये गये सव्रे में कई जहग पाया गया कि टीचर ही अनपढ़ है। इसलिए केंद्र सरकार ने सेवारत इन टीचरों को ही ट्रेनिंग देने की योजना बनायी। सरकार ने राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान के साथ मिलकर मिलकर सेवारत अप्रशिक्षत और बीएड टीचरों को प्राइमरी स्कूलिंग की शिक्षा देने का निर्णय किया। मानव संसाधन विकास मंत्रालय और एनआईओएस ने मिलकर डीएलएड (डिप्लोमा इन एलीमेंटरी एडुकेशन) नाम से एक डिप्लोमा कोर्स शुरू किया। 

इस कोर्स के लिए सभी अप्रशिक्षित टीचरों को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए कहा गया। इसकी आखिरी तारीख 15 दिसम्बर थी। रजिस्ट्रर्ड अनट्रेंड टीचरों की संख्या 13 लाख 66 हजार निकली। अभी इसमें और बढ़ोतरी हो सकती है। सबसे अधिक 2 लाख 80 हजार से अधिक बिहार में निकले। उत्तर प्रदेश में 1.74 लाख, पश्चिम बंग्लाल में 1.73 लाख, मध्य प्रदेश में 1.63 लाख, असम में 1.33 लाख अनट्रेंड टीचल निकले। सबसे कम अंडमान में 112, दमन दीव में 122 और दिल्ली और केरल में साढ़े सौ निकले। खास बात है कि ऐसा कोई राज्य नहीं निकला जहां सौ प्रतिशत प्रशिक्षित टीचर हों। 

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