युवाओ का हो रहा है भाजपा सरकार से मोह भंग , युवाओ की नाराजगी पड़ सकती है भाजपा को भारी , संघ ने दी भाजपा को चेतावनी , अगर सरकार ने नहीं उठाया बेरोजगारी पर अभी भी कोई बड़ा कदम तो पड़ सकता है 2019 में भारी , क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर
जिन युवाओं के भरोसे के दम पर बीजेपी 2014 में केंद्र की सत्ता पर काबिज हुई थी, संघ की मानें तो उन्हीं युवाओं का अब इस मोदी सरकार से मोहभंग होता दिख रहा है। संघ के संगठनों की तरफ से यह चेतावनी बीजेपी को दी गई है। पिछले हफ्ते संघ के आर्थिक संगठनों के साथ बीजेपी की बैठक में बेरोजगारी को सबसे बड़ा मुद्दा बताया गया।
संघ के संगठनों की तरफ से बीजेपी को सलाह दी गई कि अगर बेरोजगारी पर जल्द ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो यह सरकार की इमेज को डैमेज करेगा। साथ ही, फिर से युवाओं का भरोसा जीत पाना भी इस सरकार के लिए मुश्किल होगा। सरकार को सलाह दी गई है कि जल्द ही रोजगार नीति लाई जाए और किसानों के लिए फसल बीमा योजना को सरल बनाया जाए। सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी
में जब संघ के संगठनों ने रोजगार और किसान का मसला उठाया, तो उन्हें भरोसा दिलाया गया कि सरकार इस मसले पर जल्द बड़े कदम उठाएगी।
दो दिन चली इस बैठक में भारतीय मजदूर संघ, भारतीय किसान संघ, स्वदेशी जागरण मंच, लघु उद्योग भारती, ग्राहक पंचायत, सहकार भारती और बीजेपी के प्रतिनिधि थे। सूत्रों के मुताबिक, संघ के आर्थिक संगठनों ने सरकार को चेताया कि तीन साल पहले युवा जितने जोश और उम्मीद में थे, वह उम्मीद अब नाउम्मीदी में तब्दील हो रही है इसलिए सरकार को तुरंत रोजगार के लिए बड़े कदम उठाने चाहिए।
भारतीय मजदूर संघ के जनरल सेक्रेटरी विरजेश उपाध्याय ने एनबीटी से बात करते हुए कहा कि हमने सलाह दी कि रोजगार नीति आनी चाहिए। इंडस्ट्रियल पॉलिसी तो तीसरी बार आ रही है, लेकिन आजादी के 70 साल बाद आज तक रोजगार नीति नहीं आई है। इंडस्ट्रियल पॉलिसी बिजनेस को फोकस कर बनाई जाती है और उस हिसाब से तय होता है कि कितने लोगों को रोजगार मिलेगा कितनों की छटनी होगी। जबकि जरूरत रोजगार नीति की है, जिसमें बिजनेस के बजाय लोगों का ध्यान रखा जाए और रोजगार देने के लिए किस तरह की और किस तरह से इंडस्ट्री चलनी चाहिए यह फोकस रहे।
जिन युवाओं के भरोसे के दम पर बीजेपी 2014 में केंद्र की सत्ता पर काबिज हुई थी, संघ की मानें तो उन्हीं युवाओं का अब इस मोदी सरकार से मोहभंग होता दिख रहा है। संघ के संगठनों की तरफ से यह चेतावनी बीजेपी को दी गई है। पिछले हफ्ते संघ के आर्थिक संगठनों के साथ बीजेपी की बैठक में बेरोजगारी को सबसे बड़ा मुद्दा बताया गया।
संघ के संगठनों की तरफ से बीजेपी को सलाह दी गई कि अगर बेरोजगारी पर जल्द ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो यह सरकार की इमेज को डैमेज करेगा। साथ ही, फिर से युवाओं का भरोसा जीत पाना भी इस सरकार के लिए मुश्किल होगा। सरकार को सलाह दी गई है कि जल्द ही रोजगार नीति लाई जाए और किसानों के लिए फसल बीमा योजना को सरल बनाया जाए। सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी
में जब संघ के संगठनों ने रोजगार और किसान का मसला उठाया, तो उन्हें भरोसा दिलाया गया कि सरकार इस मसले पर जल्द बड़े कदम उठाएगी।
दो दिन चली इस बैठक में भारतीय मजदूर संघ, भारतीय किसान संघ, स्वदेशी जागरण मंच, लघु उद्योग भारती, ग्राहक पंचायत, सहकार भारती और बीजेपी के प्रतिनिधि थे। सूत्रों के मुताबिक, संघ के आर्थिक संगठनों ने सरकार को चेताया कि तीन साल पहले युवा जितने जोश और उम्मीद में थे, वह उम्मीद अब नाउम्मीदी में तब्दील हो रही है इसलिए सरकार को तुरंत रोजगार के लिए बड़े कदम उठाने चाहिए।
भारतीय मजदूर संघ के जनरल सेक्रेटरी विरजेश उपाध्याय ने एनबीटी से बात करते हुए कहा कि हमने सलाह दी कि रोजगार नीति आनी चाहिए। इंडस्ट्रियल पॉलिसी तो तीसरी बार आ रही है, लेकिन आजादी के 70 साल बाद आज तक रोजगार नीति नहीं आई है। इंडस्ट्रियल पॉलिसी बिजनेस को फोकस कर बनाई जाती है और उस हिसाब से तय होता है कि कितने लोगों को रोजगार मिलेगा कितनों की छटनी होगी। जबकि जरूरत रोजगार नीति की है, जिसमें बिजनेस के बजाय लोगों का ध्यान रखा जाए और रोजगार देने के लिए किस तरह की और किस तरह से इंडस्ट्री चलनी चाहिए यह फोकस रहे।
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