प्रवक्ता भर्ती में विषयवार आरक्षण ही मान्य , इलाहाबाद हाई कोर्ट की पांच जजों की वृहदपीठ ने की मामले की सुनवाई से इंकार , क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर
इलाहाबाद हाईकोर्ट की पांच सदस्यीय वृहदपीठ ने राजकीय सहायता प्राप्त डिग्री कालेजों के प्रवक्ता पदों पर सीधी भर्ती में आरक्षण मुद्दे पर सुनवाई से इंकार कर दिया है और प्रकरण खण्डपीठ को वापस कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि विश्वजीत केस के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने सही माना है, ऐसे में हाईकोर्ट को इस मुद्दे पर सुनवाई का अधिकार नहीं है। विश्वजीत केस में कोर्ट ने कालेज को इकाई मानते हुए विषयवार आरक्षण दिये जाने को सही करार दिया है। साथ ही कहा है कि यदि पद पहले विज्ञापित नहीं किया गया है तो ऐसी रिक्तियों को बैकलॉग रिक्ति नहीं माना जायेगा। इन्हें क्लब कर आरक्षित कोटे में नहीं भरा जा सकेगा। ऐसी रिक्तियों पर सामान्य व आरक्षित वर्ग को समान अवसर मिलेगा। इसी प्रकरण को पांच जजों की पीठ के समक्ष वाद बिन्दु तय करते हुए निर्णीत करने का संदर्भ भेजा गया था। सुप्रीम कोर्ट द्वारा विश्वजीत केस के फैसले की पुष्टि के बाद कोर्ट ने सुनवाई करने से इंकार कर दिया और कहा कि अनुच्छेद 141 के तहत सुप्रीम कोर्ट का फैसला हाईकोर्ट पर भी बाध्यकारी है। यह फैसला मुख्य न्यायाधीश डीबी भोसले, न्यायमूर्ति एमके गुप्ता, न्यायमूर्ति सुनीत कुमार, न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा तथा न्यायमूर्ति एसडी सिंह की वृहदपीठ ने डा. अर्चना मिश्रा व अन्य की याचिकाओं पर दिया है। याचिकाएं खण्डपीठ को वापस भेज दी गयी हैं।
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