संघ लोक सेवा आयोग के अभ्यर्थी हक़ के लिए सड़क पर उतरे , यूपीएससी परीक्षा में अतिरिक्त मौके की मांग को लेकर मंगलवार को किया प्रदर्शन , क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर

संघ लोक सेवा आयोग के अभ्यर्थी हक़ के लिए सड़क पर उतरे , यूपीएससी परीक्षा में अतिरिक्त मौके की मांग को लेकर मंगलवार को किया प्रदर्शन , क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर 




पिछले 15 दिनों से मुखर्जी नगर में अनशन पर बैठे संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों का सब्र मंगलवार को टूट गया। मामले में सुनवाई नहीं होने पर दोपहर 12 बजे एक हजार के करीब अभ्यर्थी जीटीबी नगर से राजघाट की ओर पैदल कूच कर गए। इससे गीता कॉलोनी फ्लाईओवर के पास पांच घंटे तक जाम लगा रहा। .

इस 10 किलोमीटर लंबे पैदल मार्च के दौरान उन्हें दो जगहों पर पुलिस ने रोकने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं रुके। अंतत: राजघाट के पहले गीता कॉलोनी फ्लाईओवर के पास बैरिकेड लगाकर उन्हें रोका गया। रोके जाने पर अभ्यर्थी वहीं धरने पर बैठ गए। .

इस बीच लोग जाम से जूझते रहे। अभ्यर्थी वहां से शाम 7 बजे आश्वासन मिलने के बाद हटे। अभ्यर्थियों ने रविवार तक का समय सरकार को दिया है। इस संबंध में कोई फैसला नहीं आने पर सोमवार को फिर से विरोध की चेतावनी दी है।.

प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों का कहना है कि वर्ष 2011 में संघ लोक सेवा आयोग ने सिविल सेवा परीक्षा में सीसैट प्रणाली की शुरुआत की थी, जो ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाले छात्रों के प्रति भेदकारी था। बाद में निगवेकर कमिटी की रिपोर्ट में इसकी पुष्टि हुई कि सीसैट परीक्षा प्रणाली भारतीय भाषाओं के अभ्यर्थी और गैर-इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि के अभ्यर्थियों के खिलाफ है। उनकी मांग है कि सीसैट के कारण जिनका बहुमूल्य वर्ष बर्बाद हुआ, उन्हें दो क्षतिपूरक प्रयास दिए जाएं। .

अभ्यर्थियों का कहना है कि यूपीएससी की प्रीलिम्स परीक्षाओं की उत्तर कुंजी मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार से बाद जारी किया जाता है। ऐसे में प्री परीक्षा के परिणाम की पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं। अन्य परीक्षा का परिणाम या उत्तर कुंजी जब पहले जारी हो सकता है, तो यूपीएससी की प्री परीक्षाओं का क्यों नहीं। हम चाहते हैं कि मुख्य परीक्षा से पहले प्री परीक्षा की उत्तर कुंजी जारी की जाए, ताकि पारदर्शिता बनी रहे। .

केंद्र सरकार हमारी मांगों को लेकर असंवेदनशील है। 2011 से 2014 के बीच सीसैट लागू होने के बाद परीक्षा में बैठे अभ्यर्थियों को दो अतिरिक्त मौके दिए जाने चाहिए। सरकार को किसी तरह का बदलाव करने से पहले हमारी परेशानी को समझना चाहिए था।.

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