इलाहाबाद हाई कोर्ट ग्रुप C का पेपर लीक होने की आशंका , परीक्षा से 40 मिनट पहले व्हाट्सएप पर भेजा था सॉल्व पेपर , क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर
सिविल कोर्ट में ग्रुप-सी की परीक्षा में नकल करते पकड़े गए विभोर और सॉल्वर गिरोह के बीच व्हाट्सएप पर काफी बातचीत हो रही थी। दोनों सुबह से ही संपर्क में थे। बातचीत के बाद व्हाट्सएप की पुरानी हिस्ट्री को डिलीट किया जा रहा था। हालांकि परीक्षा से पहले हुई बातचीत के सबूत पुलिस और कालेज प्रशासन को मिले हैं, जिन्हें सुरक्षित कर लिया गया है। एसटीएफ पूरे मामले में छानबीन में जुटी है और सॉल्वर गिरोह की धरकपड़ का प्रयास किया जा रहा है। .
विभोर और सॉल्वर गैंग के सदस्य आपस में व्हाट्सएप पर जुड़े हुए थे। विभोर से पूछताछ हुई तो उसने बताया कि वो सुबह-सुबह मेरठ पहुंचा था। परीक्षा केंद्र के आसपास उसका परिचय कुछ युवकों से हुआ, जो परीक्षा का सॉल्व पेपर देने की बात कह रहे थे। इसके बाद उसने बातचीत की और व्हाट्सएप पर सॉल्व पेपर ले लिया। हालांकि विभोर ने ये नहीं बताया कि इसके लिए कितना पैसा दिया गया। .
सुबह करीब 8.20 बजे ही विभोर के मोबाइल पर सॉल्व पेपर आ चुका था। तभी विभोर ने ये भी पूछा कि शाम का भी हो जाएगा? जवाब मिला कि हो जाएगा।.
हुआ भी ऐसा ही और विभोर को शाम की पाली में होने वाली परीक्षा का सॉल्व पेपर भी करीब इतनी ही देर पहले दे दिया गया। दोनों के बीच व्हाट्सएप कॉल से बातचीत भी हुई थी। इन सबूतों को सुरक्षित कर लिया गया है। .
दूसरी ओर कॉलेज के बाहर खड़े संदिग्धों की तलाश शुरू की गई तो आरोपी निकल भागे। पुलिस और कॉलेज प्रशासन की हलचल के बाद इन आरोपियों को शक हो गया और सभी निकल भागे थे। .
विभोर नामक अभ्यर्थी नकल करते हुए पकड़ा गया। उसने एक नकल की पर्ची निगल ली। उसने अपनी ओएमआर में उत्तर पर केवल निशान लगाए हुए थे। सीसीटीवी फुटेज में कुछ खाते हुए दिख रहा था, इसलिए विभोर के मोबाइल की जांच की गई। व्हाट्सएप पर सॉल्व पेपर के सभी सेट मौजूद थे, इसलिए परीक्षा कराने वाली एपटेक कंपनी के अधिकारियों को लिखापढ़ी में विभोर को सौंप दिया गया .
-अनुज गोयल, डायरेक्टर एस्टोन कॉलेज ऑफ एजूकेशन।.
सिविल कोर्ट में ग्रुप-सी की परीक्षा में नकल करते पकड़े गए विभोर और सॉल्वर गिरोह के बीच व्हाट्सएप पर काफी बातचीत हो रही थी। दोनों सुबह से ही संपर्क में थे। बातचीत के बाद व्हाट्सएप की पुरानी हिस्ट्री को डिलीट किया जा रहा था। हालांकि परीक्षा से पहले हुई बातचीत के सबूत पुलिस और कालेज प्रशासन को मिले हैं, जिन्हें सुरक्षित कर लिया गया है। एसटीएफ पूरे मामले में छानबीन में जुटी है और सॉल्वर गिरोह की धरकपड़ का प्रयास किया जा रहा है। .
विभोर और सॉल्वर गैंग के सदस्य आपस में व्हाट्सएप पर जुड़े हुए थे। विभोर से पूछताछ हुई तो उसने बताया कि वो सुबह-सुबह मेरठ पहुंचा था। परीक्षा केंद्र के आसपास उसका परिचय कुछ युवकों से हुआ, जो परीक्षा का सॉल्व पेपर देने की बात कह रहे थे। इसके बाद उसने बातचीत की और व्हाट्सएप पर सॉल्व पेपर ले लिया। हालांकि विभोर ने ये नहीं बताया कि इसके लिए कितना पैसा दिया गया। .
सुबह करीब 8.20 बजे ही विभोर के मोबाइल पर सॉल्व पेपर आ चुका था। तभी विभोर ने ये भी पूछा कि शाम का भी हो जाएगा? जवाब मिला कि हो जाएगा।.
हुआ भी ऐसा ही और विभोर को शाम की पाली में होने वाली परीक्षा का सॉल्व पेपर भी करीब इतनी ही देर पहले दे दिया गया। दोनों के बीच व्हाट्सएप कॉल से बातचीत भी हुई थी। इन सबूतों को सुरक्षित कर लिया गया है। .
दूसरी ओर कॉलेज के बाहर खड़े संदिग्धों की तलाश शुरू की गई तो आरोपी निकल भागे। पुलिस और कॉलेज प्रशासन की हलचल के बाद इन आरोपियों को शक हो गया और सभी निकल भागे थे। .
विभोर नामक अभ्यर्थी नकल करते हुए पकड़ा गया। उसने एक नकल की पर्ची निगल ली। उसने अपनी ओएमआर में उत्तर पर केवल निशान लगाए हुए थे। सीसीटीवी फुटेज में कुछ खाते हुए दिख रहा था, इसलिए विभोर के मोबाइल की जांच की गई। व्हाट्सएप पर सॉल्व पेपर के सभी सेट मौजूद थे, इसलिए परीक्षा कराने वाली एपटेक कंपनी के अधिकारियों को लिखापढ़ी में विभोर को सौंप दिया गया .
-अनुज गोयल, डायरेक्टर एस्टोन कॉलेज ऑफ एजूकेशन।.
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