69 हजार शिक्षक भर्ती ::: ‘एकल पीठ ने दलीलों पर नहीं किया गौर’ , सरकार ने कोर्ट में रखा पक्ष , क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर
69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती में सोमवार को न्यायमूर्ति पंकज कुमार जायसवाल एवं न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की डिवीजन बंेच ने परीक्षा नियामक प्राधिकारी की ओर से दायर विशेष अपील सुनवाई की।
सरकार की ओर से कुल तीन याचियों को पक्षकार बनाकर विशेष अपील दाखिल की गई थी। इनमें से एक अपील पर नौ जून को सुनवाई नियत थी। जबकि दो अपीलें सोमवार को ही दाखिल की गईं थीं। कोर्ट ने सारी अपीेलें सोमवार को ही मंगाकर सुन ली और अंतरिम आदेश सुरक्षित कर लिया। सुनवाई के समय एक अभ्यर्थी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एलपी मिश्र ने अपील के खिलाफ अपना जवाब दाखिल कर दिया जबकि बेंच ने अन्य वरिष्ठ अधिवक्ताओं एचजीएस परिहार, असित चतुर्वेदी, जेएम माथुर एवं सुदीप सेठ को मंगलवार प्रात: 10 बजे तक अपना लिखित जवाब दाखिल करने का समय दिया है। सरकार की ओर से तीन जून के आदेश को चुनौती देते हुए तर्क दिया गया कि एकल पीठ का आदेश मनमाना व गलत है।
एकल पीठ ने प्राधिकारी की दलीलों पर गौर नहीं किया और अंतरिम आदेश जारी कर दिया जबकि याचिका ही पोषणीय नहीं थी। आठ मई 2020 को जारी परीक्षा परिणाम के सभी सफल अभ्यíथयों को याचिका में पक्षकार नहीं बनाया गया था। सरकार की ओर से महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह ने साथ ही यह भी दलील दी कि परीक्षा परिणाम आने के बाद तीन जून से काउंसिलिंग प्रारंभ होनी थी। ऐसे में एकल पीठ को दखल देने का कोई औचित्य नहीं था। गत तीन जून को एकल पीठ के जस्टिस आलोक माथुर ने सैकड़ों अभ्यíथयों की ओर से अलग-अलग दाखिल ढाई दर्जन ने अधिक याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए चयन प्रकिया पर रोक लगा दी थी। एकल पीठ ने यह आदेश प्रश्न पत्र में दिए गए विकल्पों की गड़बड़ी एवं फाइनल आंसर की में प्रथमदृष्टया मतभेद दिखने के बाद पारित किया था।
69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती में सोमवार को न्यायमूर्ति पंकज कुमार जायसवाल एवं न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की डिवीजन बंेच ने परीक्षा नियामक प्राधिकारी की ओर से दायर विशेष अपील सुनवाई की।
सरकार की ओर से कुल तीन याचियों को पक्षकार बनाकर विशेष अपील दाखिल की गई थी। इनमें से एक अपील पर नौ जून को सुनवाई नियत थी। जबकि दो अपीलें सोमवार को ही दाखिल की गईं थीं। कोर्ट ने सारी अपीेलें सोमवार को ही मंगाकर सुन ली और अंतरिम आदेश सुरक्षित कर लिया। सुनवाई के समय एक अभ्यर्थी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एलपी मिश्र ने अपील के खिलाफ अपना जवाब दाखिल कर दिया जबकि बेंच ने अन्य वरिष्ठ अधिवक्ताओं एचजीएस परिहार, असित चतुर्वेदी, जेएम माथुर एवं सुदीप सेठ को मंगलवार प्रात: 10 बजे तक अपना लिखित जवाब दाखिल करने का समय दिया है। सरकार की ओर से तीन जून के आदेश को चुनौती देते हुए तर्क दिया गया कि एकल पीठ का आदेश मनमाना व गलत है।
एकल पीठ ने प्राधिकारी की दलीलों पर गौर नहीं किया और अंतरिम आदेश जारी कर दिया जबकि याचिका ही पोषणीय नहीं थी। आठ मई 2020 को जारी परीक्षा परिणाम के सभी सफल अभ्यíथयों को याचिका में पक्षकार नहीं बनाया गया था। सरकार की ओर से महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह ने साथ ही यह भी दलील दी कि परीक्षा परिणाम आने के बाद तीन जून से काउंसिलिंग प्रारंभ होनी थी। ऐसे में एकल पीठ को दखल देने का कोई औचित्य नहीं था। गत तीन जून को एकल पीठ के जस्टिस आलोक माथुर ने सैकड़ों अभ्यíथयों की ओर से अलग-अलग दाखिल ढाई दर्जन ने अधिक याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए चयन प्रकिया पर रोक लगा दी थी। एकल पीठ ने यह आदेश प्रश्न पत्र में दिए गए विकल्पों की गड़बड़ी एवं फाइनल आंसर की में प्रथमदृष्टया मतभेद दिखने के बाद पारित किया था।