इलाहाबाद विश्वविद्यालय परीक्षा 2022: ऑफलाइन परीक्षा के विरोध में छात्रों ने 4 घंटे बंद रखा गेट

 

इलाहाबाद विश्वविद्यालय परीक्षा 2022: ऑफलाइन परीक्षा के विरोध में छात्रों ने 4 घंटे बंद रखा गेट

 

AlldUniv Exam 2022: इलाहाबाद विश्वविद्यालय के परास्नातक अंतिम सेमेस्टर की परीक्षा ऑनलाइन मोड कराने की मांग को लेकर सोमवार छात्रों ने जमकर हंगामा किया। छात्रों ने अपनी मांग को लेकर तकरीबन चार घंटे मुख्य प्रवेश द्वार को बंद रखा। इससे आवागमन प्रभावित रहा। चीफ प्रॉक्टर ने इस मामले में एमए अंतिम वर्ष के छात्र दुर्गेश कुमार सिंह को तत्काल प्रभाव से विश्वविद्यालय से निलंबित कर दिया। छात्रों ने ऑनलाइन परीक्षा की मांग को लेकर पहले परीक्षा नियंत्रक कार्यालय का घेराव किया। परीक्षा नियंत्रक एके कनौजिया से छात्रों ने बताया कि परास्नातक के छह महीने के पाठ्यक्रम को हड़बड़ी में पढ़ाकर व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से पीडीएफ व नोट्स भेजकर कोरम पूरा किया गया।  

 

 Allahabad University Exam 2022: Students keep gate closed for 4 hours in  protest against offline exam - इलाहाबाद विश्वविद्यालय परीक्षा 2022: ऑफलाइन  परीक्षा के विरोध में छात्रों ने 4 घंटे ...

 

छात्रनेता अजय पांडेय बागी ने कहा कि आगामी दिनों में नेट/जेआरएफ, यूपीपीसीएस, बीपीएससी, एनटीपीसी एवं तमाम प्रतियोगी परीक्षाएं होने वाली हैं । ऐसे में छात्र परास्नातक की परीक्षाओं की तैयारी करें कि प्रतियोगी परीक्षाओं की। छात्रनेता दुर्गेश यादव मुरारी ने कहा कि अगर परीक्षाएं ऑनलाइन माध्यम से होती हैं तो छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं के साथ विश्वविद्यालय की परीक्षा भी आसानी से दे सकेंगे। लेकिन छात्रों और परीक्षा नियंत्रक के बीच सहमति नहीं बनी। ऐसे में छात्र हिंदी विभाग के रास्ते चीफ प्रॉक्टर कार्यालय के सामने से होते हुए केंद्रीय पुस्तकालय के सामने विश्वविद्यालय के मुख्य प्रवेश द्वार पर पहुंच गए।

सूचना पर पुलिस फोर्स भी तैनात कर दी गई। लिहाजा कुछ छात्र द्वार के सामने जमीन पर ही लेट गए तो कुछ वहीं बैठ गए। यह घटनाक्रम करीब चार घंटे चला। 

 

 

हंडिया के कटहरा स्थित दीघौटा गांव निवासी एमए अंतिम वर्ष के छात्र दुर्गेश कुमार सिंह को विश्वविद्यालय से निलंबित करते हुए कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया। नोटिस में कहा गया है कि 50-60 छात्रों के साथ कक्षाओं को बाधित किया और मुख्य प्रवेश द्वार बंद किया। इससे विश्वविद्यालय के प्रशासनिक अधिकारियों, शिक्षकों, कर्मचारियों एवं छात्रों का आवागमन बाधित हुआ और उनका मानसिक उत्पीड़न हुआ। साथ ही सरकारी कार्य में बाधा पहुंची। यह कृत्य गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। चीफ प्रॉक्टर ने छात्र को नौ मई को पिता के साथ कार्यालय में उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देने को कहा है।  

 

 

 

 

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