उत्तर प्रदेश के स्कूलों में बढ़ा दाखिला, शिक्षकों के 51 हजार पद हैं खाली

 

उत्तर प्रदेश के स्कूलों में बढ़ा दाखिला, शिक्षकों के 51 हजार पद हैं खाली

 

बेसिक शिक्षा परिषद के 1.50 लाख से अधिक प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में अभियान चलाकर छात्र-छात्राओं की संख्या तो बढ़ाई जा रही है लेकिन सबसे अहम सवाल है कि इन बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षकों की संख्या कब बढ़ेगी। नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम के मुताबिक प्राथमिक स्कूलों में 30 बच्चों और उच्च प्राथमिक स्कूलों में 35 बच्चों पर एक शिक्षक होना चाहिए। 

 

 

 2021 - प्राइमरी का मास्टर ○ इन | Primary Ka Master | District News | Basic  Shiksha | Shikshamitra


यही नहीं उच्च प्राथमिक स्कूलों में विज्ञान/गणित, भाषा और सामाजिक विषय का एक शिक्षक होना अनिवार्य है। लेकिन इन मानकों का पालन नहीं हो रहा। पिछले साढ़े तीन साल में परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी है। ये स्थिति तब है जबकि प्रदेश सरकार ने दो साल पहले सुप्रीम कोर्ट में स्वयं स्वीकार किया था कि उस समय शिक्षकों के 51112 पद खाली थे। हर साल परिषदीय स्कूलों से औसतन 12 हजार शिक्षक सेवानिवृत्त होते हैं। 
यदि ये संख्या जोड़ ली जाए तो शिक्षकों के कम से कम 75 हजार पद खाली हैं। डीएलएड, बीएड, टीईटी/सीटीईटी पास बेरोजगार तीन साल से नई भर्ती शुरू करने की मांग कर रहे हैं लेकिन सुनवाई नहीं हो रही। आखिरी बार एक दिसंबर 2018 को 69000 भर्ती शुरू हुई थी।

आरटीई लागू होने के बाद नहीं हुआ पद सृजन
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश में जुलाई 2011 में आरटीई लागू होने के तकरीबन 11 साल बाद भी मानक के अनुरूप शिक्षकों के पद सृजित नहीं हो सके हैं। कुछ साल पहले बेसिक शिक्षा परिषद के तत्कालीन सचिव संजय सिन्हा ने आरटीई मानक के अनुरूप प्रत्येक जिले में शिक्षकों के पद सृजित किए थे। सूत्रों के अनुसार उस रिपोर्ट में गाजियाबाद, नोएडा जैसे दो-चार जिलों को छोड़कर अधिकांश जिलों में शिक्षकों के पद बढ़ रहे थे। लेकिन सरकार से मंजूरी नहीं मिलने के कारण वह रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं हो सकी। 

17 लाख अतिरिक्त बच्चों का हुआ दाखिला
प्रयागराज। प्रदेशभर के परिषदीय स्कूलों में एक से 30 अप्रैल तक चलाए गए प्रवेश उत्सव में पिछले साल की तुलना में 17 लाख अतिरिक्त बच्चों का दाखिला हुआ है। बेसिक शिक्षा विभाग ने दो करोड़ नामांकन का लक्ष्य रखा है। हर जिले को 20 प्रतिशत अतिरिक्त नामांकन का लक्ष्य मिला था। अधिकांश जिलों में पिछले साल से अधिक बच्चों का प्रवेश हुआ है।  

 

 

 

🔥 सरकारी नौकरियों की समस्त जानकारी अब सीधे आपके मोबाइल पर
--◆   आज ही ऐप इंस्टॉल करने के लिए क्लिक करें
 

 Free GS Quiz के लिए टेलीग्राम चैनल जॉइन करें👇    

Join FREE GS Quiz Telegram Channel     

वॉट्सएप ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें👇 

 

 

Post a Comment

Previous Post Next Post