सीयूईटी: स्नातक कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए 75 विश्वविद्यालय ले रहे भाग
दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) में स्कूल ऑफ लॉ एंड गवर्नेंस (एलएलजी) के मूट कोर्ट सोसाइटी और प्रो. बोनो क्लब के संयुक्त तत्वाधान में सीयूईटी और भविष्य: एक संवाद विषय पर वेबिनार का आयोजन किया गया।
वेबिनार में सीयूएसबी की परीक्षा नियंत्रक रश्मि त्रिपाठी ने बताया कि पहले यह परीक्षा सीयूसीईटी के नाम से आयोजित होती थी जिसमें करीब एक दर्जन विश्वविद्यालय शामिल होते थे। अब यह सीयूईटी है जिसमें 75 विश्वविद्यालय स्नातक कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा में भाग ले रहे हैं। सीईओ ने फार्म भरने संबंधी प्रक्रिया, फार्म भरते समय बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में बताया। उन्होंने कहा है कि राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) 2022 की राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के उद्देश्य को पूरा करने के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित कर रही है।
मूल्यांकन प्रक्रिया में देगा निष्पक्षता
स्कूल ऑफ लॉ एंड गवर्नेंस (एलएलजी) के प्रमुख और डीन प्रो. संजय प्रकाश श्रीवास्तव ने सीयूईटी के विभिन्न पहलुओं और इसके भविष्य के साथ-साथ लॉ (विधि) क्षेत्र में उपलब्ध करियर के अवसरों पर प्रकाश डाला है। उन्होंने कहा कि यह सीयूईटी विश्वविद्यालय में अखिल भारतीय प्रवेश के लिए मूल्यांकन प्रक्रिया में काफी हद तक निष्पक्षता देगा। प्रो. पवन कुमार मिश्रा ने कम समय में स्कूल ऑफ लॉ एंड गवर्नेंस (एलएलजी) द्वारा कम समय में अर्जित किए गए उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। सहायक प्राध्यापक डॉ. दिग्विजय सिंह ने कहा कि कॉमन यूनिवर्सिटी प्रवेश परीक्षा विशेष रूप से ग्रामीण पृष्ठभूमि के सभी छात्रों को समान अवसर दे रही है। भारत के कोने-कोने में इसकी व्यापक पहुंच होगी। कार्यक्रम समन्वयक मणि प्रताप ने कहा कि स्कूल ऑफ लॉ एंड गवर्नेंस ने वेबिनार को सीयूईटी परीक्षा के सभी संभावित लाभार्थियों को उन्मुख करने की दृष्टि से आयोजित किया। वेबिनार में डॉ. पीके दास, पूनम कुमारी, डॉ. देव नारायण सिंह, डॉ. पल्लवी सिंह, डॉ. अनंत पी. नारायण, डॉ. कुमारी नीतू, डॉ. सुरेश कुरापति, डॉ. पीयूष कुमार सिंह शामिल हुए।
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