यूपी बोर्ड मूल्यांकन : हिंदी कवियों के जन्म पाकिस्तान और चीन में छात्रों ने बताए

 

यूपी बोर्ड मूल्यांकन : हिंदी कवियों के जन्म पाकिस्तान और चीन में छात्रों ने बताए

 

यूपी बोर्ड की उत्तर उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के दौरान छात्र प्रश्नों के अटपटे जवाब दे रहे हैं, छात्रों के ऐसे जवाबों से परीक्षक भी हैरान हैं। जवाबों को लेकर केंद्रों पर खूब चर्चा हो रही है। खासकर हिंदी विषय में परीक्षार्थी सवालों के ऐसे अटपटे जवाब देंगे ऐसी शिक्षकों को उम्मीद नहीं थी। छह केंद्रों पर यूपी बोर्ड की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन चल रहा है। आधा मूल्यांकन हो चुका है, मगर हिंदी, जीव विज्ञान और भूगोल विषयों की उत्तर पुस्तिकाओं में परीक्षार्थियों ने सवालों के ऐसे जवाब दिए हैं कि अफसर भी पुस्तिकाओं को पढ़े तो अपनी हंसी नहीं रोक पाएंगे। हाईस्कूल और इंटरमीडिएट दोनों की उत्तर पुस्तिकाओं में सवालों के जवाब ऐसे हैं कि गुरूजी भी अपनी हंसी नहीं रोक पा रहे हैं। हाईस्कूल विज्ञान वर्ण विक्षेपण का जवाब एक छात्र ने ऐसा दिया कि यह एक ऐसी चीज है जो जंगल में पाया जाता है और इसमें शेर होते हैं। डायफ्राम की परिभाषा के जवाब में एक छात्र ने इसे पंजाब में पाया जाना बताया है। हिंदी में छात्रों ने कई सवालों के अटपटे जवाब दिए हैं, एक कवि की जीवनी में जन्म का स्थान पाकिस्तान और जापान बताया है। तीसरे ऑप्शन में यह भी लिखा है कि भारत में भी पैदा हुए थे। 

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जीव विज्ञान में दिया अटपटा जवाब

हाईस्कूल विज्ञान में माइटोकांड्रिया क्या है, इसका सवाल पूछा गया तो एक छात्र ने इसके बारे में लिखा कि माइटोकांड्रिया को बाहर से मंगाया जाता है। इसको चलाने में भारी ईंधन की जरुरत होती है। इंटरमीडिएट हिंदी में परीक्षार्थियों ने अधिकांश सवालों के गलत दिए हैं, खंड काव्य कई-कई कर दिए हैं, जबकि इसमें से एक करना होता है। काफी सवालों के जवाब ऐसे हैं, जिन्हें देखकर गुरूजी अपनी हंसी नहीं रोक पा रहे हैं। पास होने के लिए पूरी तरह से पेज पर कहानी लिखी गई है।

संस्कृत में कर दी हिंदी

संस्कृत विषय में छात्रों ने हिंदी का पेपर कर रखा है। भाषा में परीक्षार्थियों ने काफी गलती कि हैं, मातृभाषा हिंदी में सबसे ज्यादा छात्रों की गलती हैं। ऐसे में कक्ष निरीक्षक भी उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन करते वक्त सोच समझकर नंबर दे रहे हैं। संस्कृत के पेपर में छात्रों ने हिंदी के सवाल कर रखे हैं। छात्रों की व्याकरण काफी खराब है। 

 

शिक्षक मूल्यांकन सावधानी से करें, जो सही है केवल उसी पर नंबर दें। विषयों को वह भी ध्यान से पढ़े हैं। यदि सुंदर लेखनी है तो उस पर भी अंक दें। बोर्ड की जो गाइड लाइन है उसका पालन करते हैं उत्तर पुस्तिकाओं का शिक्षक मूल्यांकन करें। उत्तर के जो निर्धारित अंक है उसके अनुरूप पूरा कार्य हो। -शिवकुमार ओझा, डीआईओएस 

 

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