नई शिक्षा नीति का अध्ययन कर विचार प्रस्तुत करें शिक्षक
गोरखपुर : नई शिक्षा नीति का आप सभी लोग अध्ययन कर लें और उसके आउटपुट
के बारे में अपना विचार प्रस्तुत करें। इससे इसे लागू करने में सहूलियत
होगी। साथ ही आप सभी भी नई शिक्षा नीति के बारे में पूर्ण से जानकारी हासिल
कर सकेंगे।
यह
बातें जिला विद्यालय निरीक्षक ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह भदौरिया ने कही। वह
राजकीय जुबिली इंटर कालेज में आयोजित राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के जिला
स्तरीय वचरुअल कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह शिक्षा
नीति प्राचीन व सनातन, भारतीय ज्ञान व विचार की समृद्ध परंपरा के आलोक में
तैयार की गई है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति की
प्रस्ताविकी रखते हुए जिला नोडल डा. राजेश चंद्र गुप्ता ने कहा कि
स्वतंत्रता पश्चात सर्वप्रथम 1968 में भारत की प्रथम शिक्षा नीति लागू की
गई थी। पुन: 1986 में दूसरी शिक्षा नीति लागू की गई। वर्ष 1992 में चले आ
रहे शिक्षा नीति में कुछ संशोधन किया गया और 2009 में निश्शुल्क व अनिवार्य
शिक्षा अधिनियम लागू किया गया। हाल ही में केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय
शिक्षा नीति 2020 को मंजूरी दी है। नई शिक्षा नीति 34 वर्ष पुरानी
राष्ट्रीय शिक्षा नीति को प्रतिस्थापित करेगी। डा.अंकिता राय ने इस नीति
में प्रारंभिक बाल्यावस्था की देखभाल और शिक्षा व्यवस्था पर अपने विचार
रखे। कार्यशाला में प्रमुख रूप से नेहा श्रीवास्तव, डा. सरोज, डा. सीमा
श्रीवास्तव, ज्ञानेश पांडेय, वीरेंद्र कुमार सिंह, डा. कीर्ति दुबे,
प्रशांत कुमार व प्रदीप कुशवाहा आदि रहे।
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