अब सेवानिवृत्ति से तीन महीने पहले जारी कर दिया जाएगा पेंशन पेमेंट आर्डर: योगी
लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ निराश्रित पशुओं को लेकर बेहद गंभीर
हैं। पशुओं को सुरक्षित स्थान पर रखने, उन्हें धूप व गर्मी से बचाने के
लिए विकासखंड स्तर पर गोआश्रय स्थल खोले जाने का निर्देश दिया है। उन्होंने
यह भी कहा कि गोआश्रय स्थल दो से ढाई हजार गोवंशीयों की क्षमता वाले हों,
यानी बड़े गोआश्रय स्थल खोले जाने हैं, जहां करीब तीन लाख निराश्रितों को
आश्रय मिलेगा। प्रदेश में अभी तक शहरी क्षेत्रों में इतनी क्षमता की 178
कान्हा गोशालाएं संचालित हैं। अब गांवों में भी कान्हा गोशालाओं की तर्ज पर
बड़े गोआश्रय स्थल स्थापित होंगे।
मुख्यमंत्री ने रविवार को
टीम-9 की बैठक में अधिकारियों से कहा कि विकासखंड स्तर पर स्थापित होने
वाले बड़े गोआश्रय स्थल भीषण गर्मी से निराश्रितों को बचाने में उपयोगी
होंगे। सभी गोशालाओं में व्यवस्था बेहतर रखी जाए। निराश्रित पशुओं को गर्मी
या धूप से सुरक्षित रखने के पुख्ता प्रबंध हों। उन्होंने कहा कि गौशालाएं
ब्लाक स्तर पर बनेंगी तो गायों को चारा व हरी घास भी आसानी से मिलेगी। वहां
हरा चारा व भूसा आदि का भी प्रबंध कर लिया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि
दुग्ध समितियों के गठन की प्रक्रिया को और तेज करने की जरूरत है। इससे दूध व
इससे बनने वाले खाद्य पदार्थ का उत्पादन भी ब्लाक स्तर पर हो सकेगा। इसमें
लोगों को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।
प्रदेश
में निराश्रित पशुओं की तादाद करीब 12 लाख से अधिक है। उनमें से छह हजार
से अधिक आश्रय स्थलों पर नौ लाख के आसपास पशुओं को रखा गया है और करीब तीन
लाख पशु अभी घूम रहे हैं। पशुपालन विभाग ने पहले योजना बनाई कि जहां भी पशु
घूमते मिलें वहीं, आसपास अस्थायी आश्रय स्थल बनाकर पशुओं को रखवाया जाए।
साथ ही ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, खंड विकास अधिकारी व जिला पंचायत
को इस संबंध में जवाबदेह बनाया जाएगा। इसके अलावा 826 ब्लाक मुख्यालयों पर
भी आश्रय स्थल खोलने पर मंथन शुरू हुआ था। अब मुख्यमंत्री के आदेश के बाद
उस पर तेजी से अमल होगा, वहां कार्मिक व मेडिकल स्टाफ भी रखा जाएगा। सूबे
की कान्हा गोशालाओं में ही दो हजार से अधिक निराश्रितों को रखने की क्षमता
है, बाकी अस्थाई गोआश्रय स्थलों पर 50 से लेकर 500 तक निराश्रितों को ही
आश्रय दिया जा रहा है। यही नहीं 50 निराश्रितों पर एक चौकीदार व एक सहयोगी
रखा जाता है।
राज्य
ब्यूरो, लखनऊ: सेवानिवृत्ति के कगार पर पहुंचे राज्य कर्मचारियों को अब
अपनी पेंशन स्वीकृत कराने के लिए भाग-दौड़ नहीं करनी होगी। रविवार को लोक
भवन सभागार में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वित्त
विभाग की ओर से विकसित कराए गए ई-पेंशन पोर्टल का उद्घाटन किया। ई-पेंशन
पोर्टल के जरिये पेंशन के आवेदन और स्वीकृति की पूरी प्रक्रिया को मानव
हस्तक्षेप व कागज रहित, समयबद्ध और पारदर्शी बनाया गया है। इसके माध्यम से
कर्मचारी का पेंशन पेमेंट आर्डर उसके रिटायरमेंट से तीन माह पहले जारी कर
दिया जाएगा। योगी ने कहा कि इस पोर्टल से 11.5 लाख राज्य कर्मचारी
लाभान्वित होंगे। उप्र देश का पहला राज्य है जिसने अपने पेंशनधारकों को यह
सुविधा उपलब्ध कराने का कार्य किया है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री
ने कहा कि अभी तक राज्य कर्मचारियों को अपने रिटायरमेंट के आखिरी छह महीने
में पेंशन के कागजात पूरे करने के लिए पापड़ बेलने पड़ते थे। उन्हें शायद
इसलिए बुरा नहीं लगता था क्योंकि जाने-अनजाने उन्होंने भी दूसरे
कर्मचारियों को उनकी पेंशन स्वीकृति के लिए परेशान किया होगा। अब ई-पेंशन
पोर्टल के माध्यम से पेंशन स्वीकृति की प्रक्रिया को मानव हस्तक्षेप व कागज
रहित बनाने के साथ इसमें लेनदेन और भ्रष्टाचार की गुंजाइश खत्म कर दी गई
है। आने वाले समय में रिटायर होने वाले कर्मचारी को पेंशन के लिए परेशान
नहीं होना पड़ेगा। पेंशन स्वीकृति में यदि कर्मचारी के विवरण का सत्यापन
सही तरीके से नहीं किया गया है तो इसके लिए अधिकारी जिम्मेदार होंगे। कहा
कि ई-पेंशन पोर्टल जीवन को सुगम (ईज आफ लि¨वग) बनाने की दिशा में राज्य
सरकार का एक और कदम है। संबंधित खबर 2
ई-पेंशन प्रणाली संपादकीय।
हर विकासखंड में खोली जाएगी गोशाला: मुख्यमंत्री
’>>कान्हा गोशाला की तर्ज पर खुलेंगे 2,500 क्षमता वाले गोआश्रय स्थल
’>>तीन लाख पशुओं को मिलेगा आश्रय चारा भी खरीदने के निर्देश
लोक
भवन में रविवार को ई-पेंशन पोर्टल का शुभारंभ करते मुख्यमंत्री योगी
आदित्यनाथ, साथ में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और उपमुख्यमंत्री
ब्रजेश पाठक, वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना व मुख्य सचिव
दुर्गा शंकर मिश्र (बाएं) ’ जागरण
दूसरे चरण में जोड़े जाएंगे पुलिस और शिक्षा जैसे बड़े विभाग
मुख्यमंत्री
ने कहा कि अभी ई-पेंशन पोर्टल का पहला चरण लांच किया जा रहा है। दूसरे चरण
में जुलाई में पुलिस, शिक्षा समेत अन्य विभागों को भी इस पोर्टल से जोड़ा
जाएगा ताकि शत-प्रतिशत कर्मचारियों को इसका लाभ मिल सके। कर्मचारियों को दी
जाने वाली कुछ और सुविधाओं-जैसे कि चिकित्सा व्यय प्रतिपूर्ति, पारिवारिक
पेंशनर्स विवरण व बैंक खाते में संशोधन आदि को भी इस पोर्टल से जोड़ा
जाएगा।
मुख्यमंत्री बोले-पेंशन भोगी नहीं, पेंशन योगी
मुख्यमंत्री
ने कहा कि सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों ने प्रदेश के विकास में अपना
योगदान दिया है। उन्हें मिलने वाली पेंशन उनके द्वारा प्रदेश के विकास और
कल्याण के लिए किए गए कार्य का प्रतिफल है। इसलिए वे पेंशन भोगी नहीं,
पेंशन योगी हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 31 मार्च, 2022 को सेवानिवृत्त
हुए 1220 राज्य कर्मचारियों के खाते में ई-पेंशन पोर्टल के माध्यम से पेंशन
की धनराशि ट्रांसफर की। इससे पूर्व वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने
मुख्यमंत्री को आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानंद रचित ग्रंथ सत्यार्थ
प्रकाश की प्रति के साथ कुबेर की प्रतिमा भेंट की। इस अवसर पर उप
मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक भी मौजूद थे।
’>>आवेदन और पेंशन स्वीकृति की पूरी प्रक्रिया मानव हस्तक्षेप व कागज रहित बनाई गई
’>>वित्त विभाग ने विकसित किया है ई-पेंशन पोर्टल, साढ़े ग्यारह लाख कर्मचारियों को मिलेगा लाभ
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