9वीं से 12वीं तक के SC छात्रों को मोदी सरकार का तोहफा, मिलेगी 1.35 लाख रुपये तक की छात्रवृति

 

9वीं से 12वीं तक के SC छात्रों को मोदी सरकार का तोहफा, मिलेगी 1.35 लाख रुपये तक की छात्रवृति

 

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अनुसूचित जाति के गरीब छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और अवसर प्रदान करने के मकसद से मोदी सरकार ने शानदार पहल की है। केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने शुक्रवार को हाईस्‍कूल में पढ़ने वाले छात्रों के लिए आवासीय शिक्षा योजना श्रेष्ठ की शुरुआत की। श्रेष्ठ योजना के जरिए अनुसूचित जाति के गरीब मेधावी विद्यार्थियों को प्रतिष्ठित प्राइवेट स्कूलों में क्वालिटी एजुकेशन दी जाएगी।  इस योजना से अनुसूचित जाति के उन गरीब छात्रों को कक्षा 9वीं से कक्षा 12वीं तक फ्री आवासीय शिक्षा मिलेगी, जिनके माता-पिता की वार्षिक आय 2.5 लाख रुपये तक हो। ये योजना कुछ विशेष क्षेत्रों के लिए शुरू की गई है।

इसके तहत, राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) द्वारा श्रेष्ठ के लिए राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षा (एनईटीएस) के जरिए प्रत्येक वर्ष राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अनुसूचित जाति के करीब 3000 छात्रों का चयन किया जाएगा। चयनित छात्रों को 9वीं और 11वीं कक्षा में सीबीएसई से संबद्ध सर्वश्रेष्ठ निजी आवासीय विद्यालयों में प्रवेश दिया जाएगा। इस योजना के तहत छात्र अपनी शिक्षा के लिए देश भर में किसी भी स्कूल का चयन कर सकते हैं। भोजन शुल्क सहित स्कूल शुल्क और छात्रावास शुल्क का पूरा खर्च भारत सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। 

इस योजना में राज्य के स्कूलों, ग्रामीण क्षेत्रों या क्षेत्रीय भाषा के स्कूलों से सीबीएसई आधारित स्कूलों में शामिल होने वाले छात्रों के लिए 3 महीने की अवधि के लिए ब्रिज कोर्स का प्रावधान भी शामिल किया गया है, ताकि छात्र चयनित स्कूल के नए वातावरण में खुद को ढाल सकें। चयनित छात्रों की व्यक्तिगत शैक्षणिक आवश्यकताओं की पहचान करके ब्रिज कोर्स को स्कूल के नियमित समय के बाद आयोजित किया जाना चाहिए। इसमें यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाना चाहिए कि योजना के एससी छात्र स्कूल के बाकी छात्रों के साथ बराबरी के स्तर पर नियमित कक्षा की पढ़ाई समझ पा रहे हैं या नहीं। मंत्रालय ब्रिज कोर्स के लिए वार्षिक शुल्क के 10 प्रतिशत की अतिरिक्त लागत का भुगतान करेगा। 

 

 

 

छात्रों के लिए छात्रवृत्ति से स्कूल शुल्क (ट्यूशन शुल्क सहित) और छात्रावास शुल्क (मेस शुल्क सहित) दिया जाएगा। अधिकतम सीमा इस प्रकार है-
कक्षा    छात्रवृत्ति प्रति छात्र सालाना

9वीं    1,00,000
10वीं    1,10,000
11वीं    1,25,000
12वीं    1,35,000

छात्रों की ये छात्रवृत्तियां प्रत्येक वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में सीधे स्कूलों को एक किश्त में जारी की जाएंगी। मंत्रालय द्वारा समय-समय पर छात्रों की प्रगति की निगरानी की जाएगी। योजना को डीबीटी मोड में माना जाएगा।

इस योजना के तहत चयनित छात्रों को एनआईसी और एनटीए द्वारा ई-परामर्श प्रक्रिया के माध्यम से उनकी पसंद के अनुसार देश भर में सर्वश्रेष्ठ निजी आवासीय स्कूलों में पढ़ने का मौका दिया जाता है। सीबीएसई से मान्यता प्राप्त निजी आवासीय विद्यालयों में छात्रों को अपनी पसंद के प्रवेश के लिए ई-काउंसेलिंग के दो दौर अनिवार्य किए गए हैं। मंत्रालय ने इस योजना के लिए एनआईसी और एनआईसीएसआई के साथ एक समझौता है। योजना के तहत चयनित छात्रों को किसी भी कठिनाई से बचने और स्कूलों की सुविधा के लिए, योजना में एक बार में छात्रावास शुल्क सहित पूरे वर्ष के शुल्क के भुगतान के प्रावधानों शामिल किया गया है ताकि चयनित स्कूल खुद को अनुदान पोर्टल पर पंजीकृत करेंगे और श्रेष्ठ छात्रों के संबंध में अपना शुल्क दावा प्रस्तुत करेंगे। छात्रों के आवश्यक दस्तावेज ई-अनुदान पोर्टल के साथ एनटीए पोर्टल के एकीकरण के माध्यम से ई-अनुदान पोर्टल पर लिए जाएंगे।
 
इसके बाद, इन छात्रों को भारत सरकार से पर्याप्त वित्तीय सहायता के साथ अपनी आगे की पढ़ाई जारी रखने के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना या मंत्रालय की उच्च श्रेणी की शिक्षा योजना से जोड़ा जा सकता है। 

 

 

 

 

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