PhD : रिसर्च पेपर में सुपरवाइजर का नाम अनिवार्य, छात्र बोले- ऐसा UGC गाइडलाइंस में नहीं

 

PhD : रिसर्च पेपर में सुपरवाइजर का नाम अनिवार्य, छात्र बोले- ऐसा UGC गाइडलाइंस में नहीं


 PhD: Supervisor name mandatory in research paper allahabad university  students said - it is not in UGC guidelines - PhD : रिसर्च पेपर में  सुपरवाइजर का नाम अनिवार्य, छात्र बोले- ऐसा UGC गाइडलाइंस में नहीं

 

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के डीन रिसर्च एंड डेवलपमेंट प्रो. एसआई रिजवी ने दिशा-निदेश जारी किया कि शोधार्थियों को अपने शोध पत्रों, आलेखों, पुस्तकों में गाइड/सुपरवाइजर का नाम अनिवार्य रूप से देना होगा। छात्रों ने कहा कि शोधार्थियों के परिश्रम एवं हक में जबर्दस्ती बंटवारा होगा। यह पूरी तरह से सेंधमारी है। इस मसले पर विवि में छात्रसंघ बहाली के लिए आंदोलन कर रहे अजय यादव सम्राट एवं अन्य छात्र नेताओं का कहना है कि परिश्रम शोधार्थी करे और उसके द्वारा लिखे शोध पत्र पर नाम शोध निर्देशक का जाए, यह ठीक नहीं है। इसके खिलाफ आंदोलन किया जाएगा। असिस्टेंट प्रोफेसर की चयन प्रक्रिया में अकादमिक प्रदर्शन सूचकांक में शोध पत्रों का अंक निर्धारित है। 

छात्रों का कहना है कि शोध पत्र पर एक से अधिक नाम होने पर अंक बंट जाते हैं। ऐसे में शिक्षक भर्ती में शमिल होने वाले शोधार्थी को नुकसान होगा। छात्रों ने सवाल उठाए हैं कि जब यूजीसी की गाइडलाइन में यह व्यवस्था नहीं है तो इसे क्यों लागू किया गया। 

डीन प्रो. रिजवी का कहना है कि इससे गाइड/सुपरवाइजर की जिम्मेदारी तय होगी। प्लेग्यरिजम पर भी प्रभावी नियंत्रण किया जा सकेगा। छात्रों की पीएचडी तभी पूरी होती है, जब वे किसी गाइड/सुपरवाइजर के निर्देशन में शोध पूरा करते हैं। व्यवस्था में बदलाव से शोधपत्रों की विश्वसनीयता बढ़ेगी। 

 

 

Post a Comment

Previous Post Next Post