प्रदेश सरकार दो लाख से ज्यादा परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों को टेबलेट देगी, मिली मंजूरी, देखें बजट
यूपी सरकार वित्तीय वर्ष 2022-23 में 9294.22 करोड़ रुपये खर्च कर
प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा व्यवस्था में सुधार करेगी। माध्यमिक शिक्षा पर
459.79 करोड़ और बेसिक शिक्षा पर 8834.43 करोड़ खर्च होंगे। सरकार 2,09,863
परिषदीय स्कूल के शिक्षकों को टेबलेट देगी।
मुख्य
सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की अध्यक्षता में बुधवार को सभी के लिए शिक्षा
परियोजना परिषद कार्यकारी समिति, पीएम पोषण योजना प्रबंधकारिणी समिति और
समग्र शिक्षा (माध्यमिक) कार्यकारी समिति की बैठक में यह जानकारी दी गई।
उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में प्रदेश के हर जिले में नोडल अधिकारी
बनाए जाएंगे।
सर्व
शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक विजय किरन आनंद ने बताया कि
प्राथमिक शिक्षा में 441.14 करोड़ रुपये से 18,381 उच्च प्राथमिक विद्यालयों
में स्मार्ट क्लास और 209.86 करोड़ से 2,09,863 परिषदीय विद्यालयों के
शिक्षकों के लिए टेबलेट दिए जाएंगे। पांच करोड़ की लागत से विद्या समीक्षा
केंद्र की स्थापना की जाएगी। कक्षा 1 से 8 तक के अध्ययनरत 184.72 लाख
छात्र-छात्राओं को 546.34 करोड़ रुपये से मुफ्त पाठ्य पुस्तक और 932.81 करोड़
से 155.46 लाख को यूनीफार्म दिया जाएगा।
उन्होंने
बताया कि सभी 1.90 करोड़ छात्र-छात्राओं के लिए लर्निंग आउटकम पर आधारित
होलिस्टिक रिपोर्ट कार्ड तैयार करने पर 3.83 करोड़ रुपये खर्च होगा और 25.75
करोड़ से 12,879 आंगनबाडी केंद्रों में बच्चों के लिए फर्नीचर की व्यवस्था
होगी। विकास खंड संसाधन केंद्रों पर चार दिवसीय प्रशिक्षण कराने पर 23.91
करोड़ और प्री-प्राइमरी से कक्षा-12 तक के सभी छात्र-छात्राओं का चाइल्ड
ट्रैकिंग के लिए 6.62 करोड़ खर्च होंगे। 880 विकास खंड संसाधन केंद्रों पर
आईसीटी लैब्स बनाने पर 56.32 करोड़, 53.69 करोड़ 414 जर्जर विद्यालयों को ठीक
कराने और 91.04 करोड़ 446 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों का कक्षा-12 तक
उच्चीकरण निर्माण पर खर्च होगा।
उन्होंने बताया
कि 19,223 दिव्यांग बच्चों को मुफ्त उपकरण, दृष्टि बाधित बच्चों को 2,672
ब्रेल पाठ्य पुस्तकें और 2,086 इंलार्ज प्रिंट टेक्स्ट बुक्स पर 7.76 करोड़
खर्च होंगे। 15,448 दिव्यांग बालिकाओं को 200 रुपये हर माह स्टाइपेन्ड और
6,953 दिव्यांगों को 600 रुपये प्रतिमाह एस्कॉर्ट एलाउंस देने पर 7.25 करोड़
खर्च होगा। कक्षा 6-8 के विद्यार्थियों के लिए क्विज प्रतियोगिता और
विज्ञान प्रदर्शनी 0.75 करोड़, 22,998 विद्यालयों में साइंस किट देने पर
20.68 करोड़, आरटीई एक्ट में निजी स्कूलों में दाखिला दिलाने पर 2.43 करोड़
खर्च होंगे। बताया गया कि 95 प्रतिशत स्कूलों में बालिका शौचालय की
व्यवस्था की जा चुकी है। मुख्य सचिव ने कहा शेष पांच प्रतिशत एक माह में
पूरा किया जाए।
माध्यमिक में क्या होगा
298 राजकीय इंटर कॉलेजों में सोलर पैनल
29 राजकीय इंटर कॉलेजों में रसायन, जीव व भौतिक विज्ञान प्रयोगशाला
468 राजकीय इंटर कॉलेजों में कंप्यूटर कक्ष
63 राजकीय इंटर कॉलेजों में स्मार्ट क्लास बनाएंगे
890 राजकीय इण्टर कॉलेजों में कंप्यूटर शिक्षक रखे जाएंगे
289 राजकीय इंटर कॉलेजों में आईसीटी की सुविधा दी जाएगी
46 स्कूलों में शिक्षकों के लिए आवास
298 स्कूलों में सोलर पैनल लगवाए जाएंगे
मिड-डे-मील व पीएम पोषण पर 2543.96 करोड़ खर्च होंगे
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