यूपी सरकार का पुरानी पेंशन देने से फिर इंकार, सदन में बताया एनपीएस को बेहतर, देखें सवाल जवाब की प्रति
लखनऊ । उत्तर प्रदेश विधान सभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन कई
मुद्दों पर सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने दिखा। सदन में गरमागरम चर्चा
हुई। सुबह 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू हुई। प्रश्न काल के दौरान
कर्मचारियों की पुरानी पेंशन, गन्ना किसानों के मुद्दे और निकायों के
परिसीमन जैसे कई मुद्दे उठे।
समाजवादी
पार्टी के रविदास मेहरोत्रा, महेन्द्र नाथ यादव और अवधेश प्रसाद की तरफ से
सरकार से सवाल किया गया कि क्या सरकार कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना
से आच्छादित करेगी या नहीं। नहीं तो क्यों नहीं ? अनुपूरक में यह प्रश्न भी
आया कि नयी पेंशन योजना के तहत कर्मचारियों द्वारा जमा की गयी धनराशि कहां
जमा की जा रही है। इसका निवेश कहां किया जा रहा है।
विपक्ष
के प्रश्नों का उत्तर देते हुए संसदीय कार्य एवं वित्त मंत्री सुरेश खन्ना
ने बताया कि बड़ी संख्या में राज्य के कर्मचारियों ने पेंशन की नयी
व्यवस्था को स्वीकारा है। पांच लाख 39 हजार 607 कर्मचारियों का करीब 25
हजार करोड़ से ज्यादा पैसा जमा हुआ है। पूरी जमा राशि का 85 प्रतिशत सरकारी
बांड में लगाया गया है। बचे हुए 15 फीसदी पैसे एसबीआई पेंशन फंड, एलआईसी
पेंशन फंड और यूटीआई पेंशन फंड में निवेश किया गया है।
उन्होंने
यह भी बताया कि कर्मचारियों द्वारा एक बैठक के दौरान आठ प्रतिशत रिटर्न की
सरकार से मांग की गयी थी। जबकि नई पेंशन योजना के तहत जमा राशि को जहां
निवेश किया गया है, वहां से 9.45 प्रतिशत मौजूदा समय में रिटर्न मिल रहा
है। अब तक के सम्पूर्ण रिटर्न की बात करें तो वह 9.77 प्रतिशत है। इस
प्रकार से कर्मचारियों की मांग से 1.77 प्रतिशत ज्यादा रिटर्न आया है।
इसलिए पुरानी पेंशन की अब कोई बात नहीं है।
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