आर्मी अग्निवीर भर्ती के लिए संजय बन गया भानु, ओवर एज होने पर लगाई यह तिकड़म
अग्निवीर भर्ती में शामिल होने के लिए इटावा के संजय ने अपना नाम बदल लिया। भानु बन गया। इस नाम के अपने दोस्त के शैक्षिक प्रमाणपत्र लिए। इसी नाम से अपना फर्जी आधारकार्ड, निवास प्रमाणपत्र, चरित्र प्रमाण पत्र बनवाया। भर्ती में शामिल होने आ गया। आर्मी इंटेलीजेंस की सूचना पर सिकंदरा पुलिस ने उसे सोमवार को दबोच लिया। एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने बताया कि सिकंदरपुर, थाना पछाय गांव निवासी संजय को 24 सितंबर की रात आगरा-दिल्ली हाईवे स्थित विमल ढाबा के पास से पकड़ा गया। पूछताछ हुई तो आरोपित ने यही बताया कि उसका नाम संजय है। उसके पास एक बैग था। उसे चेक किया तो उसके पास भानु नाम का प्रवेश पत्र मिला। इसी नाम से बने प्रमाणपत्र मिले। आरोपित को थाने लाया गया।
इटावा में तैयार किए कागजात
पूछताछ में संजय ने बताया कि वह ओवरएज हो गया है। भर्ती में शामिल नहीं हो
सकता था। उसे अपने आप पर भरोसा है। दौड़ का जो टारगेट दिया जाता है वह आराम
से पूरा कर लेता। अपने नाम से भर्ती नहीं हो सकता था। भानु उसका दोस्त है।
उससे उसके शैक्षिक प्रमाणपत्र ले लिए। अपनी फोटो लगाकर भानु नाम से आधार
कार्ड सहित अन्य दस्तावेज तैयार करा लिए। इटावा में एक फोटो एस्टेट की
दुकान वाले ने कागजात तैयार करके दिए। इसके बदले में उससे रुपये लिए थे।
पुलिस ने आरोपित के खिलाफ धोखाधड़ी की धाराओं के तहत अभियोग पंजीकृत किया।
मुकदमे में उसके दोस्त भानु और फोटो स्टेट की दुकान चलाने वाले को भी
वांछित किया गया है।
फोटोस्टेट वाला बन गया एसपी इटावा
फर्जी कागजात तैयार करने वाले कोई भी प्रमाण पत्र कंप्यूटर की मदद से आराम
से तैयार कर लेते हैं। आरोपित संजय के पास चरित्र प्रमाण पत्र मिला। जो
एसपी इटावा के द्वारा जारी किया गया था। पुलिस ने पूछा कि यह कहां से मिला।
आरोपित ने बताया कि यह भी दुकानदार ने तैयार करके दिया था। इतना ही नहीं
ग्राम प्रधान का फर्जी पत्र बनाकर उसका आधार कार्ड भी बनवाया था।
एक दिन पहले भी आया था
पुलिस को जानकारी मिली है कि संजय एक दिन पहले भी भर्ती में शामिल होने आया
था। उस दिन वह किसी दूसरे नाम से शामिल हुआ था। दौड़ पास कर ली थी।
प्रवेशपत्र में फोटो संबंधी कोई दिक्कत थी। उसे बाहर कर दिया गया था। इस
तथ्य में कितनी सच्चाई है पुलिस यह पता लगा रही है।
पुलिस को शक रैकेट का हिस्सा
सिकंदरा पुलिस को एक शक यह भी है कि संजय झूठ बोल रहा है। वह भर्ती रैकेट
का हिस्सा है। गैंग में और भी लोग शामिल हो सकते हैं। वह दौड़ की परीक्षा
पास कर सकता है इसलिए उसे दूसरे को भर्ती कराने के लिए भेजा गया था। पुलिस
ने यह सवाल संजय से भी किया था। उसने पुलिस से यही कहा कि खुद भर्ती होने
के लिए आया था। इंस्पेक्टर सिकंदरा आनंद कुमार साही ने बताया कि इस मामले
में जांच जारी है। जो भी नए तथ्य सामने आएंगे विवेचना में शामिल किए
जाएंगे।
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