RTE : पंजीकरण बिना निजी स्कूलों को नहीं मिलेगी शुल्क प्रतिपूर्ति
शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत बकाया शुल्क प्रतिपूर्ति में निजी स्कूलों की रुचि खत्म हो गई है। कई वर्ष से बकाया शुल्क प्रतिपूर्ति नहीं मिलने के कारण स्कूलों ने आरटीई पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने से ही इनकार कर दिया है। मामले को गंभीरता से लेते हुए बेसिक शिक्षा विभाग ने सभी खंड शिक्षाधिकारियों के साथ ही स्कूलों को भी चेतावनी जारी की है।
जिले
में लगभग ढाई हजार मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूल हैं, जो आरटीई के दायरे
में आते हैं। कोरोना काल और इससे पहले के वर्षों की लगभग चार करोड़ रुपये
की धनराशि इन स्कूलों को अब तक नहीं दी जा सकी है। प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन
ने इस साल शुल्क प्रतिपूर्ति न मिलने पर पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन का
रिन्युअल न कराने की चेतावनी दी थी। विभाग की तरफ से इसके बाद निर्देश जारी
किया कि उन्हीं स्कूलों को शुल्क प्रतिपूर्ति दी जाएगी, जो आरटीई पोर्टल
पर रजिस्ट्रेशन कराएंगे। साथ ही बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. अरविंद पाठक ने
सभी आठ ब्लॉक और नगर क्षेत्र के खंड शिक्षाधिकारियों को भी चेतावनी दी है
कि हर हाल में अपने क्षेत्र के सभी मान्यता प्राप्त स्कूलों को चिह्नित
करें और पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराएं।
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