चार साल में 39 फर्जी परिषदीय शिक्षक बर्खास्त, 11 के खिलाफ एफआईआर नहीं
महराजगंज, बेसिक शिक्षा विभाग से संचालित परिषदीय विद्यालय में फर्जी
शिक्षकों के मिलने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले चार साल
में 39 शिक्षक बर्खास्त किए जा चुके हैं, लेकिन इसमें से 11 बर्खास्त
शिक्षक ऐसे हैं, जिनके खिलाफ बीएसए के आदेश के बाद भी खंड शिक्षा अधिकारी
एफआईआर दर्ज नहीं करा पाए हैं। सिसवा ब्लाक में एक शिक्षक को दिसंबर 2021
में ही बर्खास्त किया गया, लेकिन अभी तक उसके भी खिलाफ अभी तक प्राथमिकी
दर्ज नहीं हो पाई है। एफआईआर दर्ज नहीं होने से बर्खास्त शिक्षकों को
अप्रत्यक्ष रूप से लाभ मिल रहा है। उनके खिलाफ न तो विधिक कार्रवाई आगे बढ़
पा रही है और ना ही रिकवरी हो पा रही है।
बर्खास्तगी
की कार्रवाई पर गौर करें तो अधिकतर शिक्षक बेसिक शिक्षा विभाग में दूसरे
अभ्यर्थी के नाम-पता से नौकरी कर वेतन आहरित कर रहे थे। शिकायत के बाद जांच
की सुगबुगाहट पाकर फर्जी शिक्षक भूमिगत हो गए। पैनकार्ड से अधिकतर
शिक्षकों का फर्जीवाड़ा सामने आया। कई लोगों को यह पता ही नहीं था कि उनके
नाम से कोई फर्जी ढंग से नौकरी कर रहा है। फर्जी शिक्षक जब असली डिग्रीधारी
के नाम से पैन कार्ड बनवा लिए थे। असली डिग्रीधारियों के पैनकार्ड पर जब
वेतन का ब्योरा जुड़ने लगा व टैक्स डिडक्शन होने लगा। जब जांच में मामला
उजागर हुआ।
एक साथ कई स्कूलों में नियुक्ति कराने वाले राजकुमार के खिलाफ भी केस दर्ज नहीं
परतावल
क्षेत्र के एक परिषदीय विद्यालय में तैनात शिक्षक राजकुमार यादव को भी
विभाग ने शिकायत की जांच के बाद मार्च 2022 में ही बर्खास्त कर दिया। बीईओ
को एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश जारी हुआ, लेकिन अभी तक उसके खिलाफ एफआईआर
दर्ज नहीं हो सका है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक बर्खास्त शिक्षक
राजकुमार यादव जिले में ही तीन-चार परिषदीय विद्यालय में अपनी नियुक्ति
कराया था। वेतन भी ले रहा था। एसटीएफ राजकुमार यादव को फर्जी नियुक्ति से
जुड़े दूसरे केस में गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। इस समय वह जमानत पर बाहर
आया है। गोरखपुर में ही रह रहा है, लेकिन जिले में बर्खास्तगी के बाद भी
उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं होने से विधिक कार्रवाई आगे नहीं बढ़ पा रही
है।
इन बर्खास्त शिक्षकों के प्राथमिकी नहीं
परतावल
ब्लाक में तैनात फर्जी शिक्षक को मार्च 2022 में बर्खास्त किया गया। इसी
ब्लाक के फर्जी शिक्षक दिनेश चंद का नवंबर 2022 में सेवा समाप्त किया गया।
निचलौल ब्लाक में सैयद अली, अरविन्द कुमार यादव, कन्हैया लाल यादव रतन
कुमार पांडेय व वेदानंद को जुलाई 2022 में बर्खास्त किया गया। पांच माह बाद
भी एफआईआर दर्ज नहीं। सदर क्षेत्र में हरिहर प्रसाद नाम के शिक्षक को
फर्जीवाड़ा के आरोप में जुलाई 2022 में बर्खास्त किया गया। सिसवा ब्लाक में
फर्जीवाड़ा के आरोप में 30 दिसंबर 2021 व उस्मान गनी को अगस्त 2022 में
बर्खास्त किया गया, लेकिन विभागीय सूत्रों के मुताबिक अभी तक एफआईआर दर्ज
नहीं हो सका है।
वेतन के रूप में करोड़ों गटके फर्जी शिक्षक, एक से भी रिकवरी नहीं
पिछले
चार साल में बर्खास्त 39 शिक्षक सेवा समाप्ति के पहले तक वेतन मद में
करोड़ों रुपए राजकोष से गटक चुके हैं। बर्खास्तगी के बाद अब रिकवरी होनी
है, लेकिन अभी तक एक भी बर्खास्त शिक्षक से वेतन की रिकवरी नहीं हो पाई है।
इसमें दिक्कत इस बात की भी आ रही है अधिकतर शिक्षक दूसरे के नाम पता से
नौकरी कर रहे थे। सेवा पुस्तिका में दर्ज उनके नाम-पता के आधार पर रिकवरी
का नोटिस भेजा रहा है, लेकिन मौके पर वह नहीं मिल रहे हैं। बैंकिंग लेनदेन
के आधार पर दर्ज केस में पुलिस फर्जी शिक्षकों तक पहुंचने की कोशिश कर रही
है। घुघली शिक्षक में एक बर्खास्त शिक्षक अपने खाते से आनलाइन अपने पिता को
पैसा भेजा था, जिसके बाद पुलिस उसको गिरफ्तार कर पाई थी।
नियुक्ति
में फर्जीवाड़ा सामने आने पर जांच के बाद सेवा समाप्ति का आदेश जारी किया
जाता है। रिकवरी का भी निर्देश जारी किया जा रहा है। कुछ बर्खास्त शिक्षकों
के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं हो पा रही है। इस मामले में एसपी से वार्ता कर
प्राथमिकी दर्ज कराने की कार्रवाई पूरी कराई जाएगी।
आशीष कुमार सिंह-बीएसए
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