सुनवाई : सुप्रीम कोर्ट ने मांगे नोटबंदी से जुड़े दस्तावेज
उच्चतम न्यायालय ने केंद्र और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को बुधवार
को निर्देश दिया कि वे नोटबंदी के फैसले से संबंधित रिकॉर्ड पेश करें।
न्यायमूर्ति
एसए नजीर की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने केंद्र के
2016 के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अटॉर्नी जनरल आर
वेंकटरमणी, आरबीआई के वकील और याचिकाकर्ताओं के वकीलों की दलीलें सुनीं और
अपना फैसला सुरक्षित रखा। याचिकाकर्ताओं के वकीलों में वरिष्ठ अधिवक्ता पी
चिदंबरम और श्याम दीवान शामिल थे। कोर्ट ने पक्षकारों को 10 दिसंबर तक
लिखित दलीलें दाखिल करने का निर्देश दिया। पीठ में न्यायमूर्ति बीआर गवई,
न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना, न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमण्यन और न्यायमूर्ति बी
वी नागरत्ना भी शामिल हैं।
अटॉर्नी जनरल ने पीठ
के समक्ष कहा कि वह सीलबंद लिफाफे में प्रासंगिक रिकॉर्ड जमा करेंगे।शीर्ष
अदालत आठ नवंबर 2016 को केंद्र द्वारा घोषित नोटबंदी को चुनौती देने वाली
58 याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। कोर्ट ने मंगलवार को कहा था कि आर्थिक
नीति से जुड़े मामलों में न्यायिक समीक्षा की सीमित संभावनाओं का मतलब यह
नहीं है कि अदालत हाथ धरकर बैठ जाएगी
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