एक बार फिर मानव संपदा बनी शिक्षकों के लिए आपदा, कल दोपहर बाद से ऑनलाइन अवकाश लेना हुआ असंभव।

 

एक बार फिर मानव संपदा बनी शिक्षकों के लिए आपदा, कल दोपहर बाद से ऑनलाइन अवकाश लेना हुआ असंभव।

ऐसी विपदा में ऑफलाइन आकस्मिक अवकाश स्वीकृत करने का भी स्पष्ट प्राविधान होना ही चाहिए।
 



ऐसे में सभी जिम्मेदारों खासकर BSA / BEO को चुप रहने के बजाय ऐसे मामलों को ऑन द रिकार्ड लाना चाहिए और इस विषम जमीनी सच्चाई का उल्लेख करते हुए उच्च स्तर पर सूचना प्रेषण और ऑफलाइन आकस्मिक अवकाश का विकल्प भी उपलब्ध कराना चाहिए।


NIC को भी चाहिए कि अब तक कितनी बार तकनीकी इश्यूज के चलते शिक्षक आकस्मिक अवकाश नहीं ले सके? कितनी बार सर्वर बैठे रहे, कितनी बार OTP या टेंपरेरी पासवर्ड की व्यवस्था फेल रही? इसका भी रिकार्ड पब्लिक डोमेन में उपलब्ध कराया जाए।


आखिर लाखों शिक्षकों और कार्मिकों को विकल्पहीनता की स्थिति में नहीं छोड़ा जाना चाहिए, खासकर तब जब आपका ऑनलाइन सिस्टम फुलप्रूफ नहीं हो।

 

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