शिक्षकों, शिक्षामित्रों, अनुदेशकों को पहली बार मिलेगा कैशलेस इलाज, इतना देना होगा प्रीमियम; जानें डिटेल
उत्तर प्रदेश के परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में तैनात पांच लाख से अधिक शिक्षकों, 1.10 लाख शिक्षामित्रों, तकरीबन 30 हजार अंशकालिक अनुदेशकों और हजारों शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को पहली बार कैशलेस सामूहिक स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ मिलेगा। बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। जल्द ही प्रदेश में यह सुविधा मिलने लगेगी। हालांकि हालांकि इसका लाभ लेने वालों को हर साल एक निर्धारित प्रीमियम चुकाना होगा। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ प्रीमियम का भुगतान सरकार से करने का अनुरोध किया है।
करीब
76 हजार प्रीमियम पर 10 लाख रुपए तक का इलाज मिलेगा। योजना के तहत तीन,
पांच, सात और दस लाख तक कैशलेस चिकित्सा का लाभ पति-पत्नी, दो बच्चे और
आश्रित माता-पिता को मिलेगा। अलग-अलग राशि के लिए लाभार्थियों की संख्या के
अनुसार प्रीमियम निर्धारित की गई है। तीन लाख तक की सुविधा के लिए पति-पति
को 18500 सालाना, पति-पति और दो बच्चे के लिए 21000 जबकि पति-पत्नी, दो
बच्चे और आश्रित माता-पिता के लिए 45000 प्रीमियम देना होगा। दस लाख की
कैशलेस चिकित्सा के लिए क्रमश 34000, 39200 और 76000 प्रीमियम रखा गया है।
न्यू
इंडिया, युनाइटेड इंडिया और द ओरियेन्टल इंश्योरेंस कंपनियों को बीमा के
लिए अधिकृत किया गया है। इसका लाभ पति-पत्नी, दो बच्चे और आश्रित माता-पिता
को मिलेगा। लाभार्थियों की संख्या, कैशलेश चिकित्सा की राशि का चयन
प़ॉलिसीधारक को करना होगा। पॉलिसी लेने के पहले दिन से हर प्रकार की बीमारी
के इलाज की सुविधा मिलेगी। इसके लिए किसी चिकित्सकीय जांच की जरूरत नहीं
होगी। कैशलेश चिकित्सा के लिए सेवारत कर्मचारी की अधिकतम आयु 62 वर्ष और
आश्रित माता-पिता की अधिकतम आयु 85 वर्ष होगी। पॉलिसी धारक को कैशलेस कार्ड
के आधार पर नेटवर्क अस्पताल में कैशलेस चिकित्सा की सुविधा मिलेगी। इसके
लिए 12 से 26 दिसंबर तक वेबसाइट www.basiceducation.up.gov.in पर पंजीकरण
कराया जा सकता है। शिक्षकों-कर्मचारियों को प्रेरित करके पंजीकरण कराया
जाएगा।
शिक्षामित्र-अनुदेशक हो सकते हैं वंचित
कैशलेस
चिकित्सा सुविधा की प्रीमियम अधिक होने के कारण शिक्षामित्रों और
अनुदेशकों को इससे वंचित होना पड़ सकता है। शिक्षामित्रों को दस हजार रुपये
जबकि अनुदेशकों को नौ हजार प्रतिमाह मानदेय मिलता है। इसमें परिवार का
खर्च चला पाना भी मुश्किल है। ऐसे में प्रीमियम भुगतान करना मुश्किल होगा।
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के प्रदेश मंत्री कौशल कुमार सिंह
ने प्रीमियम का भुगतान सरकार से करने का अनुरोध किया है।
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