पुरानी पेंशन पर एक हुए केंद्र और राज्य कर्मचारी संगठन, राष्ट्रव्यापी आंदोलन की चेतावनी
नई दिल्ली : पंजाब, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में पुरानी
पेंशन लागू होने के बाद अब दूसरे राज्यों में भी इसकी मांग उठने लगी है।
केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारी संगठनों ने एक मंच पर आकर पुरानी पेंशन
हासिल करने के लिए संघर्ष करने का ऐलान किया है।
संगठनों
का आरोप है कि नई पेंशन योजना (एनपीएस) एक धोखा है। इसलिए केंद्र और राज्य
सरकारें पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) लागू करें। साथ ही चेतावनी दी कि मांग
नहीं मानने पर संगठन राष्ट्रव्यापी आंदोलन करने के लिए विवश होंगे।
केंद्रीय
कर्मचारियों की संयुक्त कार्य परिषद के संयोजक शिवगोपाल मिश्रा और सह
संयोजक एम राघवैय्या ने पत्रकारों से कहा कि ओपीएस बुढ़ापा बचाने की लड़ाई
है। इसमें केंद्र सरकार के 36 लाख गैर वर्दीधारी कर्मचारी, राज्य सरकारों
के कर्मचारी, प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा में कार्यरत शिक्षक आदि
प्रत्यक्ष रूप से शामिल हैं। भावनात्मक रूप से वर्दीधारी कर्मचारी भी
समर्थन कर रहे हैं।
उन्होंने
बताया कि नई पेंशन योजना में सेवानिवृत्त कर्मचारियों को 26 हजार के स्थान
पर 1500 से चार हजार रुपये महीना पेंशन मिल रही है। संगठन की संयुक्त
परिषद सांसद और विधायकों को कई पेंशन मिलने के मुद्दे पर श्वेत पत्र तैयार
कर रही है। पुरानी पेंशन को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों के
संघों और यूनियनों द्वारा 21 जनवरी को दिल्ली में एक राष्ट्रीय सम्मेलन
आयोजित किया जा रहा है।
मालूम
हो कि पंजाब, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ ने पुरानी पेंशन लागू
किया है। अब दूसरे राज्यों में भी इसकी मांग उठने लगी है।
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