शिक्षा की गुणवत्ता परखने के लिए बच्चों का होगा मूल्यांकन, DELED प्रशिक्षुओं को सौंपी गई जिम्मेदारी
प्रतापगढ़। जिले के परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा एक से तीन तक
के बच्चों के शैक्षिक स्तर को परखने का फैसला लिया गया है । निपुण लक्ष्य
एप के माध्यम से बच्चों का मूल्यांकन किया जाएगा। इसी आधार पर आगे की
शिक्षा की रणनीति तैयार होगी। बच्चों के मूल्यांकन की जिम्मेदारी डीएलएड
प्रशिक्षुओं को सौंपी गई है।
जिले के 2032 प्राइमरी
स्कूलों में 1,26,458 बच्चे नामांकित हैं। इनमें कक्षा एक से तीन तक पढ़ने
वाले बच्चों की शिक्षा की गुणवत्ता परखने की तैयारी है। बच्चों के शैक्षिक
स्तर का मूल्यांकन करने की जिम्मेदारी डीएलएड प्रशिक्षुओं को सौंपी गई है।
डीएलएड प्रशिक्षु कक्षा एक से तीन के बच्चों का रैंडम आधार पर निपुण
लक्ष्य एप के माध्यम से मूल्यांकन करेंगे। इसके लिए प्रशिक्षुओं का ऑनलाइन
प्रशिक्षण भी दिया गया है। हर स्कूल में निपुण बच्चों को चिन्हित किया
जाएगा।
जो बच्चे हिंदी, गणित विषयों के निपुण लक्ष्यों को हासिल करेंगे। वह निपुण
छात्र बनेंगे। उनकी सूची तैयार की जाएगी। प्रत्येक माह एसएमसी की बैठक में
निपुण सम्मान समारोह में उन्हें सम्मानित किया जाएगा। प्रत्येक स्कूल के
30 बच्चों का होगा मूल्यांकन: डीएलएड प्रशिक्षुओं द्वारा कक्षा एक से तीन
के बच्चों का रैंडम आधार पर निपुण
लक्ष्य एप के माध्यम से मूल्यांकन किया जायेगा.
DELED प्रशिक्षुओं को सौंपी गई जिम्मेदारी
परिषदीय
स्कूलों में निपुण भारत अभियान के तहत बच्चों की वास्तविक स्थिति जानने के
लिए सर्वे किया जाएगा। इसके लिए खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया
गया है कि वह तैयारी कर लें। - भूपेंद्र सिंह,
बीएसए
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