छात्राओं और कामकाजी महिलाओं को उनके मासिक धर्म अवकाश पर 24 को 'सुप्रीम' सुनवाई

 

छात्राओं और कामकाजी महिलाओं को उनके मासिक धर्म अवकाश पर 24 को 'सुप्रीम' सुनवाई 

 

नई दिल्ली। छात्राओं और कामकाजी महिलाओं को उनके मासिक धर्म के दौरान अवकाश नियम संबंधी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 24 फरवरी को सुनवाई करेगा। याचिका में सभी राज्यों को इस बाबत निर्देश देने की मांग की गई है। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ के समक्ष याचिका का उल्लेख कर तत्काल सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया गया। सीजेआई ने कहा, इसे 24 फरवरी को सूचीबद्ध किया जाए। दिल्ली निवासी शैलेंद्र मणि त्रिपाठी ने याचिका में केंद्र और सभी राज्यों को मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961 की धारा-14 का अनुपालन करने के लिए निर्देश देने का भी आग्रह किया है। अधिनियम की धारा 14 निरीक्षकों की नियुक्ति से संबंधित है और इसमें कहा गया है कि सरकार ऐसे अधिकारियों को नियुक्त कर सकती है तथा क्षेत्राधिकार की स्थानीय सीमाओं को निर्धारित कर सकती है। याचिका में कहा गया है कि ब्रिटेन, चीन, वेल्स, जापान, ताइवान, इंडोनेशिया, दक्षिण कोरिया, स्पेन और जाम्बिया किसी ना किसी रूप में पहले से मासिक धर्म अवकाश उपलब्ध करा रहे हैं। याचिका में कहा गया है कि बिहार एकमात्र ऐसा राज्य है जो 1992 से महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान दो दिनों का विशेष अवकाश प्रदान कर रहा है।

 

🔥 सरकारी नौकरियों की समस्त जानकारी अब सीधे आपके मोबाइल पर

--◆   आज ही ऐप इंस्टॉल करने के लिए क्लिक करें 

 Free GS Quiz के लिए टेलीग्राम चैनल जॉइन करें👇    

Join FREE GS Quiz Telegram Channel     

वॉट्सएप ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें👇 

 

 

  

 

 

 

 

  
    

 

 

 

  

 

 

 

 

 

 

 

Post a Comment

Previous Post Next Post