पीएचडी के लिए अब पोस्ट ग्रेजुएशन जरूरी नहीं, लखनऊ यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट का डीआरडीओ में हुआ चयन
लखनऊ विश्वविद्यालय जल्द ही अपने पीएचडी दाखिले के प्रक्रिया में एक नया
संशोधन करने जा रहा है । इसके लिए उन्होंने एक नई कमेटी का गठन भी कर लिया
है। शनिवार को डीन ऑफ स्टूडेंट वेलफेयर प्रोफेसर पूनम पांडेय ने कुलपति
प्रोफेसर आलोक कुमार राय को इस विषय में अपनी राय भेज दी है।
डीन ऑफ स्टूडेंट वेलफेयर प्रोफेसर पूनम पांडेय ने बताया कि अध्यादेश में
बदलाव के बाद 4 साल का ग्रेजुएशन करने वाले स्टूडेंट्स बिना पोस्ट
ग्रेजुएशन किए सीधे पीएचडी में दाखिला ले सकते हैं। ग्रेजुएशन में 75
प्रतिशत या उससे अधिक अंक प्राप्त करने वाले सभी स्टूडेंट्स को इस पीएचडी
कोर्स में एडमिशन दिया जाएगा। 75 प्रतिशत से कम अंक लाने वाले सभी
स्टुडेंट्स को पीएचडी करने के लिए पोस्ट ग्रेजुएशन करना अनिवार्य होगा।
पीएचडी कोर्स को पूरा करने की न्यूनतम सीमा 3 साल और - अधिकतम 7 साल होगी।
लखनऊ यूनिवर्सिटी से अभियांत्रिकी एवं तकनीकी संकाय से मैकेनिकल
इंजीनियरिंग में अंतिम वर्ष के छात्र अरुण गुप्ता ने सीआईपीटीएएम की
परीक्षा पास कर ली है। अरुण का चयन डीआरडीओ के आर एंड डी विभाग के सीनियर
टेक्निकल असिस्टेंट पद के लिए हुआ है। पिछले साल अरुण ने इस परीक्षा में
टॉप किया था। अपनी सफलता का श्रेय उसने अपने माता-पिता और शिक्षकों को दिया
।
🔥 सरकारी नौकरियों की समस्त जानकारी अब सीधे आपके मोबाइल पर
--◆ आज ही ऐप इंस्टॉल करने के लिए क्लिक करें
Join FREE GS Quiz Telegram Channel
Post a Comment