UP Board Exam : सख्ती बढ़ी तो उड़ गए बोर्ड के 'प्रवासी परिंदे, अब यूपी में परीक्षा देने नहीं आते दूसरे राज्यों के छात्र

 

UP Board Exam : सख्ती बढ़ी तो उड़ गए बोर्ड के 'प्रवासी परिंदे, अब यूपी में परीक्षा देने नहीं आते दूसरे राज्यों के छात्र

UP board exams 2020 uttar pradesh high school 10th and intermediate 12th  exams to start from tomorrow beating of over 56 lakh students rise - UP  Board 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं


यूपी बोर्ड की परीक्षा में फर्जी छात्र-छात्राओं के शामिल होने पर सख्ती बढ़ी तो 'प्रवासी परिंदों' ने इधर आना बंद कर दिया। पांच-छह साल पहले तक नकल के सहारे पास होने की आस में हजारों किलोमीटर दूर से छात्र-छात्राएं यूपी बोर्ड से परीक्षा देने आते थे। वर्ष 2017 की हाईस्कूल की परीक्षा में ही उत्तर प्रदेश से बाहर के 1, 19, 123 प्राइवेट छात्र पंजीकृत थे। देश का शायद ही कोई प्रदेश बचा हो जहां के बच्चों ने यूपी बोर्ड से परीक्षा देने के लिए फॉर्म नहीं भरा था।

 


इनमें से हजारों छात्र ऐसे थे जिन्होंने नौंवी के बाद यूपी बोर्ड से 10वीं का फॉर्म भर दिया, जबकि हजारों ऐसे परीक्षार्थी भी थे जो अपने बोर्ड से 10वीं की परीक्षा पास नहीं कर सके तो यूपी आ गए। चूंकि हाईस्कूल के प्रमाणपत्र पर लिखी जन्मतिथि ही मान्य होती है इसलिए 10वीं में सर्वाधिक बाहरी छात्र आते रहे हैं। लेकिन धीरे-धीरे बोर्ड ने अपनी छवि में सुधार किया है। 2023 की हाईस्कूल परीक्षा में तो बाहरी परीक्षार्थियों की संख्या घटकर 5135 रह गई है।
गोवा से असम तक के छात्र आते थे पहले यूपी बोर्ड से हाईस्कूल का प्रमाणपत्र लेने के लिए देश के तकरीबन हर राज्य से छात्र आते थे। इन्हें नकल के सहारे पास करवाने के नाम पर नकल माफिया हर साल करोड़ों रुपये की कमाई करते थे। वर्ष 2017 में गोवा, असम, बिहार, मणिपुर, पंजाब, हरियाणा, उड़ीसा, कर्नाटक, गुजरात, राजस्थान, केरल, महाराष्ट्र, जम्मू एवं कश्मीर, आन्ध्र प्रदेश, झारखंड, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, दिल्ली, मणिपुर, त्रिपुरा आदि राज्यों के बच्चों ने पंजीकरण कराया था।

  
हाईस्कूल में घटती गई बाहरी छात्रों की संख्या
वर्ष बाहरी बोर्ड के छात्र 10वीं में कुल पंजीकृत छात्र
2023 5,135 31,16,487
• 2022 38,775 27,81,654
2021 36,312 29,94,312
• 2020 52,571 30,24,514
गूगल मीट में डीजी ने दिए निर्देश
परीक्षा के संबंध में प्रमुख सचिव माध्यमिक व बेसिक शिक्षा दीपक कुमार एवं महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने शनिवार को गूगल मीट की । प्रदेश के सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को यह स्पष्ट निर्देश दिए कि परीक्षा की समाप्ति तक लगातार निगरानी की जाए। इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता क्षम्य नहीं होगी।

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