UPSC Success Story: साधु की तरह जीवन जी कर बनीं IAS अधिकारी, जानें- परी बिश्नोई की कहानी

 

UPSC Success Story: साधु की तरह जीवन जी कर बनीं IAS अधिकारी, जानें- परी बिश्नोई की कहानी

 


UPSC Success Story 2023: हम सभी जानते हैं कि यूपीएससी परीक्षा पास करना कोई आसान बात नहीं है और उम्मीदवार यूपीएससी परीक्षा को क्रैक करने और आईएएस अधिकारी बनने के लिए चौबीसों घंटे पढ़ाई करते हैं।

 

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यूपीएससी परीक्षा को भारत में सबसे कठिन परीक्षा माना जाता है और यही कारण है कि हर साल केवल कुछ किस्मतवाले उम्मीदवार ही यूपीएससी परीक्षा पास कर पाते हैं। आज हम आपको ऐसी IAS -अधिकारी के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने कड़ी मेहनत और अपनी प्रतिभा के दम पर यूपीएससी की परीक्षा पास की और IAS बनने का सपना पूरा किया।
IAS अधिकारी परी बिश्नोई का जन्म राजस्थान के बीकानेर जिले के काकड़ा गांव में हुआ था। उनकी मां सुशीला बिश्नोई वर्तमान में जीआरपी में एक पुलिस अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं और उनके पिता मनीराम बिश्नोई एक वकील हैं। परी बिश्नोई के दादा गोपीराम बिश्नोई चार बार काकड़ा के गांव के सरपंच रह चुके हैं।
परी बिश्नोई ने अपनी स्कूली शिक्षा अजमेर के सेंट मैरी कॉन्वेंट स्कूल से पूरी की। अपनी स्कूल की पढ़ाई पूरी होने के बाद उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के इंद्रप्रस्थ कॉलेज फॉर वुमेन में एडमिशन लिया और
ग्रेजुएशन की डिग्री ली। ग्रेजुएशन की डिग्री लेने के बाद परी ने MDS यूनिवर्सिटी, अजमेर से पॉलिटिकल साइंस में पोस्ट ग्रेजुएट की डिग्री ली। इसके बाद उन्होंने नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट- जूनियर रिसर्च फैलोशिप (NET-JRF) क्लियर किया। परी बिश्नोई ने अपने तीसरे प्रयास में परी बिश्नोई 30वें स्थान से IAS (CSE 2019 ) प्राप्त करने में सफल रही थीं।

 

 

 


परी बिश्नोई की मां ने एक बार एक इंटरव्यू में कहा था कि उनकी बेटी ने यूपीएससी की तैयारी के दौरान सोशल मीडिया अकाउंट डिलीट कर दिया था और मोबाइल का इस्तेमाल भी नहीं किया था। उनके मुताबिक यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के दौरान परी बिश्नोई ने साधु का जीवन व्यतीत किया था, तब जाकर उन्होंने IAS अधिकारी बनने का सपना पूरा किया।
माता- पिता देते थे शिक्षा पर जोर
परी के माता-पिता उनकी शिक्षा पर बहुत जोर देते थे, यही वजह है कि वह आज इस मुकाम पर है। सिविल सेवा की तैयारी के लिए ग्रेजुएशन करने के बाद परी ने दिल्ली में एक साल बिताया। जिसके बाद उन्होंने अपने घर पर रहकर यूपीएससी की तैयारी करने का फैसला लिया था।

 


ऐसे की थी तैयारी, ये थी रणनीति
राजनीति की तैयारी के लिए एक उम्मीदवार के लिए भारतीय संविधान की गहन समझ होना महत्वपूर्ण है। ऐसे में परी ने नोट्स बनाने और करंट इंवेंट्स को बहुत अधिक महत्व दिया था। इसी के साथ उन्होंने निबंधों को विषय पर भी काफी फोकस किया। परी जानती थी कि एक अच्छा निबंध उन्हें अच्छा मार्क्स दिलवा सकता है। परी ने परीक्षा के लिए आंसर राइटिंग की भी काफी प्रैक्टिस की। जिसका फायदा उन्होंने फाइनल परीक्षा में मिला। परी ने कहा, आईएएस के उम्मीदवारों को शब्द सीमाओं पर भी ध्यान देना चाहिए, क्योंकि आंसर राइटिंग के लिए परीक्षा में शब्द सीमा है।

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