स्पोर्ट्स साइकोलॉजी की अब इलाहाबाद विश्वविद्यालय में पढ़ाई
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में मनोविज्ञान के छात्र अब स्पोर्ट्स साइकोलॉजी की
भी पढ़ाई करेंगे। नई शिक्षा नीति के तहत चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम में
इसे शामिल किया गया है। नए पाठ्यक्रम का प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है।
पहले साल तो छात्रों को बताया जाएगा कि मनोविज्ञान क्या है और इसे कैसे
पढ़ें।
इसके बाद दूसरे, तीसरे एवं चौथे साल में स्पोर्ट्स साइकोलॉजी, मीडिया
साइकोलॉजी, फोरेंसिक साइकोलॉजी, कंज्यूमर साइकोलॉजी, हेल्थ साइकोलॉजी,
एनवायर्नमेंटल साइकोलॉजी, पोलिटिकल साइकोलॉजी, यूथ एंड वेलबिंग, पाजिटिव
साइकोलॉजी आदि के बारे में पढ़ाया जाएगा। खेल से जुड़े कई संगठनों में
नौकरी के लिए स्पोर्ट्स साइकोलॉजी पढ़ने वाले विद्यार्थियों को वरीयता दी
जाती है। विद्यार्थियों को बताया जाएगा कि किसी खिलाड़ी या टीम का मनोबल
क्यों गिरता है। इसमें कैसे सुधार किया जा सकता है। खेल के दौरान खिलाड़ी
की मनोस्थिति क्या होती है। वहीं, कंज्यूमर साइकोलॉजी में ग्राहक के
मनोविज्ञान के बारे में पढ़ाया जाएगा। मीडिया मनोविज्ञान में पढ़ाया जाएगा
कि सोशल मीडिया के जरिये समुदाय की मनोस्थिति पर क्या असर पड़ता है। यह भी
पढ़ाया जाएगा कि अफवाह से किसी की मनोस्थिति किस तरह से प्रभावित होती है,
गलत सूचना किस तरह से समाज पर असर डालती है। फोरेंसिक मनोविज्ञान में
आपराधिक मनोवृत्ति के बारे में पढ़ाया जाएगा। कोई व्यक्ति किन कारणों से
अपराधी बनता है, उसका मनोविज्ञान क्या होता है और उसे अपराधी बनने से कैसे
रोका जा है।
स्पोर्ट्स साइकोलॉजी की अब इलाहाबाद विश्वविद्यालय में पढ़ाई
विश्वविद्यालय द्वारा नई शिक्षा नीति पर आधारित पाठ्यक्रम के अंतर्गत
नवीनतम एवं रोजगारपरक शिक्षा दी जाएगी। मनोविज्ञान विषय में भी प्रस्तावित
पाठ्यक्रम में ध्यान रखा गया है कि कोर्स के नए क्षेत्रों में पढ़ाई से
मनोविज्ञान में न सिर्फ अकादमिक बल्कि रोजगार की दृष्टि से भी नए मार्ग
खुलेंगे। - प्रो. जया कपूर, पीआरओ, इलाहाबाद विश्वविद्यालय ।
ऑर्गेनाइजेशन साइकोलॉजी भी पढ़ेंगे छात्र
छात्रों को ऑर्गेनाइजेशन साइकोलॉजी के बारे में पढ़ाया जाएगा, जिसमें
छात्रों को बताया जाएगा कि काम के दौरान किन कारणों से तनाव बढ़ता है । किन
परिस्थितियों में कोई अपने काम से संतुष्ट या असंतुष्ट होता है। इसके साथ
ही हेल्थ साइकोलॉजी में पढ़ाया जाएगा कि मनोविज्ञान का स्वास्थ्य पर कितना
असर पड़ता है। एनवायर्नमेंटल साइकोलॉजी में पर्यावरण और मनोविज्ञान के
एक-दूसरे से संबंध का विश्लेषण किया जाएगा। चार वर्षीय पाठ्यक्रम में पहले
साल सर्टिफिकेट, दूसरे साल डिप्लोमा, तीसरे साल स्नातक की डिग्री और चौथे
साल स्नातक ऑनर्स की डिग्री प्रदान की जाएगी।
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