यूपी बोर्ड : सत्र शुरू होने के तीन महीने बाद मिलेगी सस्ती किताबें
यूपी बोर्ड के 28 हजार से अधिक स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा नौ से 12 तक
के एक करोड़ से अधिक छात्र-छात्राओं को शैक्षिक सत्र 2023-24 शुरू होने के
तीन महीने बाद सस्ती किताबें मिल सकेंगी। बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने
किताबों के प्रकाशन का अधिकार देने के लिए टेंडर जारी कर नौ जून तक
प्रकाशकों से आवेदन मांगे हैं। 16 जून को प्रकाशकों से अनुबंध होगा।
विभिन्न विषयों की एनसीईआरटी से अधिकृत 70 और नॉन- एनसीईआरटी की 12 किताबें
30 जून तक बाजार में बिक्री के लिए उपलब्ध होगी। पिछले साल भी जुलाई के
पहले सप्ताह में किताबों का टेंडर जारी हो सका था। बाजार में देर से
किताबें आने के कारण अधिकांश बच्चे अनाधिकृत प्रकाशकों की महंगी किताबें और
गाइड खरीद लेते हैं। वैसे तो एनसीईआरटी की किताबें बाजार में उपलब्ध हैं
लेकिन एक तो वह पर्याप्त संख्या में नहीं है और दूसरे यूपी बोर्ड की
किताबों से महंगी है।
हिन्दी-उर्दू-संस्कृत की किताबें छपवाएगा बोर्ड
छात्र-छात्राओं को अधिकृत और त्रुटिहीन किताबें उपलब्ध कराने के मकसद से
यूपी बोर्ड ने इस बार हिन्दी, संस्कृत और उर्दू विषयों की किताबों के
प्रकाशन का भी टेंडर जारी किया है। अब तक इन तीन विषयों का पाठ्यक्रम तो
बोर्ड निर्धारित करता था लेकिन किताबों के प्रकाशन पर बोर्ड का नियंत्रण
नहीं था। यानि कोई भी प्रकाशक इन्हें छाप सकता था। इसका सबसे अधिक नुकसान
यह होता था कि कई बार निजी प्रकाशक गलत तथ्य भी छाप देते थे।
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