बांदा मेडिकल कालेज से एमबीबीएस पास छात्रों को राहत, मान्यता मिली
-वर्ष 2017 में बांदा, आजमगढ़ और सहारनपुर के राजकीय मेडिकल कालेज में
दाखिला लेने वाले एमबीबीएस छात्रों के लिए अच्छी खबर है। बांदा मेडिकल
कालेज को भारतीय आयुर्विज्ञान आयोग ने मान्यता दे दी है। आजमगढ़ और
सहारनपुर का भी निरीक्षण हो चुका है मान्यता जल्द मिल जाएगी। इन दोनों
कालेजों से एमबीबीएस पास छात्रों के पंजीकरण में कोई दिक्कत नहीं आएगी।
इसकी पुष्टि प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य आलोक कुमार ने रविवार को की
है। उन्होंने कहा है कि बांदा को मान्यता मिल गई है। आजमगढ़ और सहारनपुर को
भी मान्यता बहुत जल्द मिल जाएगी। इन दोनों कालेजों से एमबीबीएस करने वाले
छात्रों के पंजीकरण में कोई कठिनाई नहीं है। इस पर एनएमसी की भी सहमित है।
पंजीकरण के लिए निर्देश यूपी स्टेट मेडिकल फैकल्टी को दे दिए गए हैं।
2017 में शुरू पहले बैच में दाखिला लिए थे ये छात्र
बता दें कि इन तीनों कालेजों में 2017 बैच में 100-100 छात्रों को एमबीबीएस
में दाखिला मिला था। चार साल पढ़ाई और एक साल इंटर्नशिप के बाद डिग्री
मिलने के समय यह बात सामने आई कि 2017 में एनएमसी इंडिया ने इन कालेजों के
सशर्त मान्यता दी थी । शर्तें पूरी नहीं हुई इसलिए मान्यता नियमित नहीं हो
सकी। जिसके बाद से इन कालेजों के छात्र परेशान होकर महानिदेशालय से लेकर
अन्य सक्षम स्तरों पर भागदौड़ करने लगे। इन छात्रों के सामने दिक्कत यह थी
कि ना तो वह नीट पीजी दे सकते थे और ना ही पंजीकरण कराकर मरीज देख सकते थे।
आईएमए ने सीएम से की हस्तक्षेप की मांग
दूसरी तरफ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने इन तीनों कालेजों की लंबित मान्यता के
संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है। इसकी प्रति
केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया को भी भेजी है।
आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. शरद कुमार अग्रवाल और महासचिव डा. अनिल
कुमार जे नायक ने अपने पत्र में छात्रों के भविष्य को देखते हुए
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हस्तक्षेप की मांग की है।
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