UPSC IAS: नए आईएएस बनने वालों में इंजीनियरों का
दबदबा
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की वार्षिक रिपोर्ट से पता चलता है कि 2022
में पहले, दूसरे, तीसरे स्थान पर रहने वाली इशिता किशोर, गरिमा लोहिया और
उमा हरथिन एन सहज तरीके से भारत सिविल सेवकों की बदलती प्रोफाइल के
प्रतिनिधि हैं। सिविल सर्विस परीक्षा में लिखित परीक्षा के लिए अंग्रेजी
माध्यम को चुनने वाले अभ्यर्थियों की हिस्सेदारी 90 फीसदी से अधिक है। साथ
ही इंजीनियरिंग - बैकग्राउंड से आनेवाले अभ्यर्थियों के चयन का अनुपात भी
इसी तरह से बढ़ रहा है। आंकड़े बताते हैं कि 2011 के बाद से यह परिवर्तन
आया है, जब यूपीएससी ने प्री परीक्षा में सीसैट लागू किया। इंजीनियरिंग के
छात्रों की संख्या 60 से अधिक है लेकिन 2.7 ने ही 2011 से 2020 तक कोर
इंजीनियरिंग विषयों को चुनकर मेरिट लिस्ट में जगह बनाई है। एंथ्रोपोलॉजी,
राजनीति शास्त्रत्त् और इंटरनेशनल स्टडीज पर ज्यादा फोकस।
हाल ही में घोषित 2022 सिविल सेवा परीक्षा की मेरिट सूची में शीर्ष तीन
उम्मीदवार महिलाएं थीं। इन महिलाओं ने अर्थशास्त्रत्त्, वाणिज्य और
इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी। यहां दिए गए आंकड़े इसे विस्तार से समझाते
हैं।
2022 में महिलाएं ज्यादा (आंकड़े प्रतिशत में)
वर्ष महिला पुरुष
वर्ष महिला पुरुष
2006 21 79
2007 22 78
2008 21 79
2009 22 78
2010 22 78
2011 21 79
2012 25 75
2013 23 77
2014 23 77
वर्ष महिला पुरुष
2015 20 80
2016 23 77
2017 24 76
2018 24 76
2019 24 76
2020 29 71
2021 26 74
2022 34 66
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