बीएड अब ब्रिज कोर्स का मसला पहुंचा कोर्ट, कम मेरिट वाले डीएलएड अभ्यर्थी ने हाईकोर्ट में की याचिका
प्राथमिक विद्यालय की शिक्षक भर्ती से बीएड को अमान्य किए जाने के सुप्रीम
कोर्ट के फैसले के बाद से बीएड डिग्रीधारियों की मुसीबत कम होने का नाम
नहीं ले रही। परिषदीय स्कूलों में 69000 सहायक अध्यापक भर्ती के तहत चयनित
बीएड डिग्रीधारियों को बाहर करने की मांग को लेकर पिछले दिनों
शिक्षामित्रों ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका की थी। वहीं इस भर्ती में
मामूली अंकों से बाहर हो गए डीएलएड (बीटीसी) अभ्यर्थियों ने चयनित बीएड
डिग्रीधारी शिक्षकों को छह महीने का अनिवार्य ब्रिज कोर्स न करवाने को लेकर
इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका कर दी है।
एक अभ्यर्थी की ओर से दायर याचिका में तर्क दिया गया है कि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की 28 जून 2018 की अधिसूचना में कक्षा एक से पांच तक के लिए चयनित बीएड डिग्रीधारियों को दो साल के अंदर छह महीने का अनिवार्य प्रशिक्षण कराने का प्रावधान किया गया था। 69000 शिक्षक भर्ती के तहत पहले बैच में 31277 और दूसरे बैच में 36590 शिक्षकों को क्रमश अक्तूबर और दिसंबर 2020 में नियुक्ति दी गई थी। लेकिन दो साल का समय बीतने के बावजूद अनिवार्य ब्रिज कोर्स नहीं कराया जा सका है।
🔥 सरकारी नौकरियों की समस्त जानकारी अब सीधे आपके मोबाइल पर
--◆ आज ही ऐप इंस्टॉल करने के लिए क्लिक करें
Join FREE GS Quiz Telegram Channel
🔥 सरकारी नौकरियों की समस्त जानकारी अब सीधे आपके मोबाइल पर
--◆ आज ही ऐप इंस्टॉल करने के लिए क्लिक करें
Join FREE GS Quiz Telegram Channel
Post a Comment