बदलाव मौसम विभाग में जल्द ही बदल जाएगी गर्मी की परिभाषा
कानपुर। मौसम विभाग अब शीघ्र ही गर्मी की परिभाषा बदल देगा। अभी तक
गर्मी केवल तापमान आधारित मानी जाती थी लेकिन अब यह तापमान, विकिरण, वायु
और आर्द्रता (नमी) की परस्पर क्रियाओं से जो निष्कर्ष निकलेगा, उसके आधार
पर बताई जाएगी। इसे एक इंडेक्स के माध्यम से जाना जाएगा।
चंद्रशेखर
आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय (सीएसए) ने भारतीय मौसम विज्ञान
विभाग (आईएमडी) के साथ इस पर काम तेज कर दिया है। वैसे पिछले एक वर्ष से इस
पर काम चल रहा था। बदलाव की वजह जलवायु परिवर्तन है जिसके चलते मौसम के
मिजाज में परिवर्तन की आवृत्ति बढ़ती जा रही है।
सिर्फ तापमान से
गर्मी का आकलन तापमान, आर्द्रता, वर्षा, वायु की गति आदि के संदर्भ में
किसी स्थान के वायुमंडल की प्रतिदिन की दशा वहां का मौसम मानी जाती है। अभी
तक मौसम में गर्मी या सर्दी का आकलन केवल तापमान से किया जाता रहा है। यदि
किसी स्थान का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस है तो उस समय शुष्क गर्मी होती
है। निष्कर्ष के तौर पर अभी तक यही मानते हैं कि 40 डिग्री वाली गर्मी 35
से अधिक है। पर ऐसा नहीं है। 35 डिग्री पर अक्सर अधिक गर्मी का अहसास होता
है। ऐसी स्थितियां तब होती हैं जब सापेक्षिक नमी का प्रतिशत अधिक हो।
मौसम विभाग ने जो तैयारी की है उसमें केवल तापमान ही यह तय नहीं करेगा कि गर्मी है या नहीं। इसका इंडेक्स तय किया जाएगा।
कैसे तैयार होगा यह हीट इंडेक्स
सीएसए
के मौसम विज्ञानी के अनुसार हीट इंडेक्स तापमान के साथ-साथ नमी के स्तर की
गणना करेगा ताकि इसकी गर्मी का अधिक सही अनुमान दिया जा सके। विदेश में
इसकी शुरुआत हो चुकी है। अमेरिका में हीट इंडेक्स के प्रभाव के आधार पर इसे
कलर-कोडेड रूप दिया गया है। देश में भी एक समान कलर-कोडेड चेतावनी प्रणाली
की योजना बन चुकी है।
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