सहायता प्राप्त स्कूलों में पिछले 10 वर्षों में हुईं भर्तियों की होगी जांच
दिल्ली सरकार को सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती में बड़े
स्तर पर फर्जीवाड़े की आशंका है। सरकार के सतर्कता निदेशालय ने इन स्कूलों
में पिछले 10 वर्षों में हुईं भर्ती प्रक्रियाओं की जांच की सिफारिश की है।
निदेशालय
ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि शिक्षकों की भर्ती में फर्जीवाड़े के दो बड़े
मामले पिछले छह माह में आ चुके हैं। पहला मामला जून में वीएस एग्रीकल्चर
सीनियर सेकेंडरी स्कूल खेड़ा गढ़ी का रहा, जिसे वैदिक संस्कृति एग्रीकल्चर
सोसायटी संचालित करती है। सीबीआइ ने प्रथम स्तर पर जांच के बाद शिक्षक
प्रवीण बाज, चित्र रेखा, सोनिया, प्रतिभा, पिंकी आर्य और मनीष कुमार के
खिलाफ फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल करने के आरोप में केस दर्ज किया था। इस
मामले में सीबीआइ को नौ मार्च 2022 को शिकायत मिली थी। इसकी जांच सीबीआई के
सब इंस्पेक्टर संजीब कुमार को दी गई, लेकिन गड़बड़ी मिलने पर जांच सीबीआई
इंस्पेक्टर टीके सिंह को सौंप दी गई।
दूसरा
मामला अब दिल्ली सरकार के सतर्कता निदेशालय ने पकड़ा है, जो 2008 बैच के
निलंबित आइएएस उदित प्रकाश राय की पत्नी शिल्पी राय से भी जुड़ा है। यह
मामला तब सामने आया, जब सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल में नौकरी पाने के लिए
उनके दस्तावेज की जांच की गई। गत 10 अक्टूबर को तैयार रिपोर्ट के अनुसार
शिल्पी राय के दस्तावेज की जांच के दौरान दो अन्य शिक्षकों के अनुभव
प्रमाणपत्र भी फर्जी पाए गए। इनके अतिरिक्त तीन अन्य मामलों में स्कूल
सुबूत नहीं दे सके कि इन शिक्षकों ने उनके यहां पढ़ाया है। सात शिक्षकों की
जांच में सिर्फ एक ही शिक्षक का अनुभव प्रमाणपत्र सही पाया गया।
दिल्ली
में सरकारी सहायता प्राप्त 200 से अधिक स्कूलों में करीब 8000 शिक्षक हैं।
अब सतर्कता निदेशालय की ओर से फर्जीवाड़ा पकड़े जाने पर पिछले 10 वर्षों
के दौरान स्कूलों में हुई नियुक्तियों की जांच करने की सिफारिश की गई है
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