शीर्ष 500 विदेशी विश्वविद्यालय ही भारत में परिसर खोल सकेंगे
इन संस्थानों को अपनी फैकल्टी और स्टाफ की नियुक्ति में स्वायत्तता दी जाएगी। संस्थानों को पारदर्शी तरीके से शुल्क संरचना घोषित करने की अनुमति होगी और इसकी जानकारी दाखिला प्रक्रिया से 60 दिन पहले देनी होगी। यूजीसी के अध्यक्ष एम. जगदीश कुमार ने कहा कि नियमों का उद्देश्य एनईपी सिफारिशों के अनुरूप भारत में विदेशी उच्च शैक्षणिक संस्थानों (एफएचईआई) के प्रवेश को सुविधाजनक बनाना और भारत में उच्च शिक्षा को अंतरराष्ट्रीय आयाम प्रदान करना है। नियमों के अनुसार, किसी विशेष क्षेत्र में उत्कृष्ट विशेषज्ञता वाले संस्थानों को भी परिसर खोलने की अनुमति दी जाएगी।
ये फैसले लिए
● विदेशी यूनिवर्सिटी भारत में शिक्षण केंद्र, अध्ययन केंद्र या मूल इकाई की फ्रेंचाइजी नहीं खोल सकेंगी।
● ऑनलाइन पाठ्यक्रम, दूरस्थ शिक्षा प्रदान नहीं कर सकेंगे।
● संस्थान अपने दो परिसर स्थापित कर सकते हैं, बशर्ते प्रत्येक संस्थान व्यक्तिगत रूप से पात्रता मानदंडों को पूरा करता हो।
यूजीसी को नहीं देना होगा कोई वार्षिक शुल्क
विदेशी संस्थानों को एकमुश्त आवेदन शुल्क के अलावा यूजीसी को कोई वार्षिक शुल्क का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है। वहीं, भारत में विदेशी विश्वविद्यालयों के परिसरों को अपने भर्ती मानदंडों के अनुसार संकाय और कर्मचारियों की भर्ती करने की स्वायत्तता होगी।
🔥 सरकारी नौकरियों की समस्त जानकारी अब सीधे आपके मोबाइल पर
--◆ आज ही ऐप इंस्टॉल करने के लिए क्लिक करें
Join FREE GS Quiz Telegram Channel
🔥 सरकारी नौकरियों की समस्त जानकारी अब सीधे आपके मोबाइल पर
--◆ आज ही ऐप इंस्टॉल करने के लिए क्लिक करें
Join FREE GS Quiz Telegram Channel
Post a Comment