काम की खबर :: इस बार दिवाली के एक दिन बाद होगी गोवर्धन पूजा , क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर
इस बार धनतेरस शुक्रवार 10 नवंबर को है। धनतेरस से ही कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि से पांच दिवसीय दीपावली पर्व शुरू हो जाता है, जो भाई दूज तक रहता है। लेकिन इस बार यह त्योहार पांच दिन नहीं, बल्कि छह दिन का है। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक इस बार गोवर्धन पूजा दीपावली के अगले दिन न पड़कर एक दिन बाद यानी 14 नवंबर को है। 13 नवंबर को स्नान दान श्राद्ध की सोमवती अमावस्या है। इसलिए शुभ कार्य व पूजन उस दिन नहीं हो सकता।
ज्योतिषाचार्य डा. अमिताभ गौड़ बताते हैं कि धनतेरस के दिन पूजा प्रदोष काल में होती है इसलिए धनतेरस 10 नवंबर को मनेगा। धनतेरस पर शुक्र चंद्रमा कन्या राशि में होंगे। धनतेरस पर इस बार कई शुभ संयोग हैं। इस दिन व्यापारियों को धन लाभ करवाने वाला हस्तनक्षत्र भी रहेगा। संपत्ति और भवन दिलाने वाले शनि भी मार्गी अवस्था में धनतेरस पर 30 साल बाद मूलत्रिकोण कुंभ राशि में होंगे। पौराणिक कथाओं के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि अपने दोनों हाथों में कलश लेकर प्रकट हुए थे। धन्वंतरि को भगवान विष्णु का अंश अवतार भी माना गया है।
भगवान धन्वंतरि के प्रकट होने के उपलक्ष्य में ही धनतेरस के त्योहार मनाया जाता है। खरीदारी के लिए धनतेरस को सभी मुहूर्तों में सबसे उत्तम माना गया है। धनतेरस का त्योहार धन के साथ-साथ स्वास्थ्य से भी जुड़ा हुआ है, इसलिए कुछ विशेष बातों का अवश्य ध्यान रखें।
घर की अच्छे से साफ सफाई करें। अगर घर मे गंदगी होगी तो सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश नही होगा। जिनको को भी स्वास्थ्य समस्या रहती है या फिर आकाल मृत्यु का भय बना रहता हो वह लोग अपने घर के मुख्य द्वार के दोनों तरफ दो चतुर्मुखी दीपक सरसों के तेल में अवश्य जलाये, इससे कोई भी भय समाप्त होगा। इस वर्ष त्रियोदशी 10 नवंबर सुबह 11 बजकर 47 मिनेट से प्रारंभ होगी, और 11 नवंबर दोपहर 1 बजकर 14 मिनट तक रहेगी। पूजा का विशेष मुहूर्त शाम 5.51 से 7.47 तक रहेगा।
कब कौन सा रहेगा त्योहार
10 नवंबर धनतेरस
11 नवंबर
12 नवंबर
नरक चतुर्दशी व हनुमान जयंती
दीपावली
13 नवंबर अमावस्या
स्नान दान श्राद्ध की सोमवती
14 नवंबर
गोवर्धन पूजा
15 नवंबर
भाई दूज व चित्रगुप्त पूजन
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