हाई कोर्ट का महत्वपूर्ण आदेश , परिवार के हित व कल्याण पर गौर कर लें अनुकंपा नियुक्ति का निर्णय

हाई कोर्ट का महत्वपूर्ण आदेश  , परिवार के हित व कल्याण पर गौर कर लें अनुकंपा नियुक्ति का निर्णय  



 

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने पीडब्ल्यूडी के प्रमुख अभियंता को आठ सप्ताह में मृतक आश्रित के परिजनों के हित को ध्यान में रखकर अनुकंपा नियुक्ति देने का निर्णय लेने का आदेश दिया है। इस मामले में मृतक आश्रित की विधवा बहू नीलम देवी व अविवाहित पुत्र रजनीकांत ने नौकरी के लिए अलग-अलग दावा पेश कर नौकरी देने का आग्रह किया था। यह आदेश न्यायमूर्ति मनीष माथुर की एकल पीठ ने दोनों की याचिकाओं पर एक साथ दिया। दरअसल, विधवा बहू ने विभाग में यह कहते हुए नियुक्ति देने का दावा किया कि उसके पति यानी मृतक के पहले पुत्र की मृत्यु पूर्व में ही हो गई थी उसके ऊपर दो छोटे बच्चों के पालन पोषण का भार है।

विभाग ने उसके इस अनुरोध को इस आधार पर निरस्त कर दिया कि मृतक कार्मिक की पत्नी और बेटी ने अविवाहित पुत्र को अनुकंपा नियुक्ति देने पर अनापत्ति दी है। बहू ने 22 मई 2023 के इस आदेश को कोर्ट में चुनौती दी। कोर्ट ने विभाग के आदेश को नियम विरुद्ध कहकर निरस्त कर दिया।

उधर, अविवाहित पुत्र ने भी नियुक्ति देने के लिए याचिका दाखिल की। इस पर कोर्ट ने प्रमुख अभियंता को दोनों के दावों पर नियमानुसार व विधिक व्यवस्था के तहत फिर से गौर कर निर्णय लेकर का नया आदेश देने को कहा है, जिसमें यह वर्णित हो कि दोनों में से कौन अधिक आर्थिक तंगी का सामना करेगा। इस आदेश के साथ कोर्ट ने बहू की याचिका मंजूर कर अविवाहित पुत्र की याचिका निस्तारित कर दी।

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