‘शिक्षा का अंतरराष्ट्रीयकरण जरूरी’

 

‘शिक्षा का अंतरराष्ट्रीयकरण जरूरी’ 

 

गांधीनगर, । केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शिक्षा के अंतरराष्ट्रीयकरण पर जोर देते हुए कहा कि भविष्य में भारत की उन्नति और विकास के लिए यह आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इससे न केवल शिक्षा के स्तर में सुधार होगा बल्कि वैश्विक संदर्भ में भी सशक्त होंगे। प्रधान ने मंगलवार को गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक सिटी (गिफ्ट सिटी) में ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालयों डीकिन और वॉलोन्गॉन्ग के बनने वाले परिसरों के स्थान का दौरा किया। उनके साथ ऑस्ट्रेलियाई शिक्षा मंत्री जैसन क्लेर भी मौजूद थे। प्रधान ने कहा कि देश की राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप ऑस्ट्रेलिया के दो विश्वविद्यालय गिफ्ट सिटी में अपने-अपने अंतरराष्ट्रीय परिसर स्थापित कर रहे हैं जो शिक्षा के अंतरराष्ट्रीयकरण और भारत में प्रख्यात शिक्षण संस्थानों की उपस्थिति को रेखांकित करता है।



क्लेर बोले, शिक्षा के महत्व को समझते हैं भारत-आस्ट्रेलिया भारत में अंतरराष्ट्रीय परिसर स्थापित करने वाले डीकिन और वॉलोन्गॉन्ग पहले विश्वविद्यालय हैं। दोनों विवि ने अगले साल जुलाई से पढ़ाई शुरू करने की घोषणा की। डीकिन ने मंगलवार से प्रवेश प्रक्रिया शुरू की।


ऑस्ट्रेलिया के शिक्षामंत्री क्लेर ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया और भारत के समक्ष अलग-अलग चुनौतियां हैं लेकिन वे इस दृष्टिकोण को साझा करते हैं कि दोनों शिक्षा के महत्व को समझते हैं।

 

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