यूपी के उप मुख्यमंत्री ने अपनी ही सरकार के विभाग से माँगा नौकरियों में आरक्षण का ब्यौरा , पढ़े पूरी खबर

 यूपी के उप मुख्यमंत्री ने अपनी ही सरकार के विभाग से माँगा नौकरियों में आरक्षण का ब्यौरा , पढ़े पूरी खबर 



 उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के नौकरियों में आरक्षण को लेकर लिखे पत्र ने एक बार फिर माहौल गर्मा दिया है। नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग के अपर मुख्य सचिव को लिखा पत्र वायरल हो गया है। पत्र में केशव ने आउटसोर्सिंग से होने वाली भर्तियों में आरक्षण का लाभ पाने वालों की जानकारी मांगी है। चौंकाने वाली बात यह है कि पत्र लिखे जाने और इसे डिस्पैच करने वाली तिथियों में 45 दिन का अंतर है। इन दोनों तिथियों का संबंध क्रमशः चुनाव नतीजे आने और भाजपा कार्यसमिति की बैठक के अगले दिन से है। सियासी गलियारों में इस पत्र को लेकर चर्चाएं तेज हैं। केशव मौर्य के कैंप ने पत्र भेजे जाने की पुष्टि की है।

केशव प्रसाद मौर्य के वायरल पत्र में नीचे जो तारीख लिखी है वह इसी साल चार जून की है। यानि जिस दिन लोकसभा चुनाव के नतीजे आए थे, पत्र उसी दिन लिखा गया था। जबकि ऊपर डिस्पैच की तिथि 15 जुलाई अंकित है। यानि इसे डिस्पैच 45 दिन बाद किया गया। 15 जुलाई भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक का अगला दिन था। तब तक सत्ता के गलियारों में केशव मौर्य का बयान सरकार से बड़ा संगठन है और रहेगा, माहौल को खासा गर्मा चुका था । ये तिथियां महज संयोग हैं या इनके अपने निहितार्थ हैं यह समय बताएगा।

आखिर किसने वायरल किया पत्रः

केशव मौर्य के वायरल पत्र के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। सबसे ज्यादा चर्चा इस बात की हो रही है कि प्रदेश के उपमुख्यमंत्री द्वारा नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग के अपर मुख्य सचिव को लिखा पत्र आखिर वायरल कैसे हुआ। इससे पूर्व आरक्षण पर अनुप्रिया पटेल सरकार को पत्र लिख चुकी हैं। हालांकि, अनुप्रिया के पत्र का जवाब उसी समय भर्ती बोर्डों ने दे दिया था और फिर इस पर कोई सवाल नही उठा । इसी तरह से निषाद पार्टी के डॉ. संजय निषाद ने भी नतीजों के बाद से मछुआ आरक्षण का दबाव बनाना शुरू कर दिया है।

2023 में भी लिखा पत्र

केशव मौर्य के इन पत्रों का मजमून यह है कि उन्होंने 11 अगस्त 2023 को विधान परिषद में प्रश्नों की ब्रीफिंग के समय कार्मिक विभाग के अधिकारियों से आउटसोर्सिंग या संविदा पर कार्यरत कुल अधिकारियों और कर्मचारियों की जानकारी मांगी थी। उस समय विभाग के पास ऐसी जानकारी नहीं थी। पत्र में इस जानकारी को एकत्र करने के साथ ही आरक्षण के संबंध में पूर्व में जारी किए गए शासनादेश का पूर्ण अनुपालन कराने के लिए लिखा गया था। अब फिर इस शासनादेश के अनुसार समस्त विभागों से सूचनाएं एकत्र कर उपमुख्यमंत्री द्वारा मांगी गई हैं। केशव मौर्य कैंप के उनके एक करीबी ने कहा कि ऐसे पत्र कई बार लिखे गए हैं मगर यह वायरल कैसे हुआ, इसकी जानकारी नहीं है। इस संबंध में डिप्टी सीएम केशव मौर्य का पक्ष नहीं मिल पाया।


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Deputy Chief Minister Keshav Prasad Maurya's letter regarding reservation in jobs has once again heated up the atmosphere. The letter written to the Additional Chief Secretary of the Appointment and Personnel Department has gone viral. In the letter, Keshav has sought information about those who have benefited from reservation in outsourcing recruitments. The surprising thing is that there is a difference of 45 days between the date of writing the letter and the date of dispatching it. These two dates are related to the day after the election results and the BJP Working Committee meeting respectively. Discussions about this letter are rife in political circles. Keshav Maurya's camp has confirmed the sending of the letter.

The date written below in Keshav Prasad Maurya's viral letter is of June 4 this year. That is, the day the results of the Lok Sabha elections were announced, the letter was written on the same day. Whereas the date of dispatch is mentioned above as July 15. That is, it was dispatched 45 days later. July 15 was the day after the BJP's state working committee meeting. By then, Keshav Maurya's statement in the corridors of power that the organization is and will remain bigger than the government, had heated up the atmosphere. Time will tell whether these dates are mere coincidences or have their own implications.


Who made the letter viral:

Political meanings are being drawn out of Keshav Maurya's viral letter. The most discussed topic is how the letter written by the Deputy Chief Minister of the state to the Additional Chief Secretary of the Appointment and Personnel Department went viral. Earlier, Anupriya Patel had written a letter to the government on reservation. However, the recruitment boards had replied to Anupriya's letter at the same time and then no questions were raised on it. Similarly, Dr. Sanjay Nishad of Nishad Party has also started putting pressure for fisherman reservation after the results.


Letter written in 2023 also

The gist of these letters of Keshav Maurya is that on August 11, 2023, during the briefing of questions in the Legislative Council, he had sought information from the officials of the Personnel Department about the total number of officers and employees working on outsourcing or contract. At that time the department did not have such information. Along with collecting this information in the letter, it was written to ensure full compliance of the government order issued earlier regarding reservation. Now again according to this government order, information has been collected from all the departments and sought by the Deputy Chief Minister. One of his close aides from Keshav Maurya camp said that such letters have been written many times but it is not known how it went viral. Deputy CM Keshav Maurya's side could not be obtained in this regard.

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