FOREST DEPARTMENT NEWS :: PROMOTION के इंतज़ार में वन कर्मचारी , किसी को तुरंत मिला प्रमोशन तो किसी को कई वर्षो से इंतज़ार , पढ़े पूरी खबर
अमरोहा, फतेहपुर और प्रयागराज में वर्ष 2016 में भर्ती कई वन रक्षक पदोन्नति पाकर वन दरोगा वन गए हैं, जबकि कई जिलों में 20-25 वर्षों से कार्यरत वन रक्षक अभी प्रमोशन की बाट जोह रहे हैं। वन विभाग में पदोन्नति की इस व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। इतना ही नहीं इस व्यवस्था से तमाम वन रक्षक खिन्न भी हैं। वर्ष 2016 में उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के जरिये करीब 80 वन रक्षकों (फॉरेस्ट गार्ड) और वन्यजीव रक्षकों (वाइल्डलाइफ गार्ड) की भर्ती हुई थी। चर्चा है कि इनमें से कई वन रक्षक उन जिलों में पहुंच गए, जहां आसानी से प्रमोशन मिलने की संभावना थी। इसमें कुछ अधिकारियों की भी "सलाह" मिलने की चर्चा कर्मचारियों के बीच है।
यहां बता दें कि वन दरोगा (फॉरेस्टर) की वरिष्ठता सूची मंडल स्तर पर तैयार होती है। इसलिए जिस मंडल में फॉरेस्टर की संख्या कम है, अगर वहां तैनाती मिल जाए तो प्रमोशन का नंबर जल्दी आ जाता है। वन रक्षकों का कहना है कि अब उनका चयन आयोग के माध्यम से किए जाने की व्यवस्था लागू कर दी गई है,
इसलिए वरिष्ठता सूची भी राज्यस्तर पर बननी चाहिए। ताकि, इस तरह की विसंगतियां पैदा न हों। अपनी पहचान सार्वजनिक न करने के आग्रह के साथ कहते हैं कि अगर उनकी बात मीडिया मुख्यमंत्री तक पहुंचा दे तो न्याय मिल जाएगा। इस बारे में संपर्क किए जाने पर वन विभागाध्यक्ष एसके शर्मा ने बताया कि वन रक्षक जिला स्तरीय और वन दरोगा मंडल स्तरीय कैडर होने के कारण प्रमोशन संबंधी विसर्गति सामने आ रही है। इसलिए राज्य स्तर पर वरिष्ठता सूची तय करने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है।
वन रक्षकों की पदोन्नति व्यवस्था पर उठ रहे सवाल
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