NEET UG 2024 :: NTA ने परीक्षा की उत्तर कुंजी में दे दिए एक प्रश्न के दो सही उत्तर , अब सुप्रीम कोर्ट ने iit दिल्ली से पूछा सही विकल्प , क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर
नीट-यूजी मामले में फिजिक्स के एक सवाल के दो सही जवाबों को लेकर पेंच फंसा है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को आइआइटी दिल्ली से सवाल का एक सही विकल्प बताने को कहा। कोर्ट ने आइआइटी निदेशक से कहा, वह संबंधित विषय के तीन विशेषज्ञों की टीम गठित करें जो प्रश्न के दिए गए चार विकल्पों में से एक सही विकल्प पर राय देगी। कोर्ट ने मंगलवार दोपहर 12 बजे तक राय भेजने को कहा है। इसके बाद सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) अपना पक्ष रखेंगे।
विशेषज्ञों की राय कोर्ट द्वारा स्वीकार किए जाने पर लाखों छात्रों की रैंक प्रभावित हो सकती है। बात यह है कि नीट यूजी परीक्षा में एक प्रश्न ऐसा आया था जिसमें दिए गए चार विकल्पों में दो विकल्प ऐसे थे जिसमें से एक को पुराने पाठ्यक्रम में सही माना गया है और दूसरे को नए पाठ्यक्रम में सही माना गया है। एनटीए ने दोनों विकल्पों को सही मानते हुए छात्रों को नंबर दिए हैं। सोमवार को सुनवाई के दौरान एक छात्र की ओर से उस प्रश्न के अंक डिलीट करने की मांग करते हुए कहा गया कि उसने प्रश्न की अस्पष्टता को देखते हुए निगेटिव मार्किंग के चलते उस सवाल का जवाब नहीं दिया था इसलिए उसे नुकसान हो रहा है क्योंकि एनटीएन ने दोनों जवाबों को सही मानकर छात्रों को पूरे अंक दिए हैं।
जिस छात्र की ओर से बहस की जा रही थी, उसे परीक्षा में 711 अंक मिले हैं और उसकी रैंक 317 है। इन दलीलों पर प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने केंद्र सरकार की और से पेश सालिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि दो जवाब कैसे सही हो सकते हैं। आपकी उत्तर कुंजी भी चौथे विकल्प को सही मान रही है, जबकि एनटीए दूसरे विकल्प को भी सही मान रहा है। मेहता ने कहा, एनटीए ने छात्रों की और से आए ज्ञापनों पर विचार करने के बाद छात्रों के हितों में निर्णय लिया है। विकल्प दो, 2019 की किताब में सही बताया गया है। प्रधान न्यायाधीश ने कहा, एक प्रश्न पर पांच नंबर की बात है और ये बहुत होते हैं। चिंता लाखों छात्रों से जुड़ी है, जिनके नंबर प्रभावित होंगे। इसके बाद कोर्ट ने आइआइटी दिल्ली को सही विकल्प पर राय देने का निर्देश दिया।
सुप्रीम कोर्ट में दो दर्जन से ज्यादा याचिकाएं लंबित हैं जिनमें से ज्यादातर में पूरी परीक्षा रद कर दोबारा परीक्षा कराए जाने की मांग की गई है। हालांकि कुछ याचिकाओं में दोबारा परीक्षा कराने का विरोध भी किया गया है। कोर्ट के निर्देश पर एनटीए ने शहर और केंद्रवार रिजल्ट वेबसाइट पर जारी कर दिया है। सोमवार को याचिकाकर्ताओं की और से बहस की गई जिसमें यह साबित करने की कोशिश की गई कि नीट-यूजी परीक्षा में प्रणालीगत विफलता थी और अभी तक यह साबित नहीं हुआ है कि पेपर लीक सिर्फ पटना और हजारीबाग तक ही सीमित है, ऐसे में दोबारा परीक्षा का आदेश दिया जाए। इस पर प्रधान न्यायाधीश ने सवाल किया, 'आप कैसे स्थापित करेंगे कि पेपर लीक पूरे देश में हुआ था?' साथ ही कहा कि अभी तक रिकार्ड पर ऐसी कोई सामग्री नहीं है जो व्यापक पैमाने पर पेपर लीक को दर्शाती हो। पूछा कि शहर एवं केंद्रवार परिणाम की घोषणा से क्या उभरकर सामने आया है। कोर्ट ने यह भी कहा कि बिहार पुलिस और उसकी आर्थिक अपराध शाखा की जांच रिपोर्ट देखकर पता चलता है कि पेपर लीक चार मई को हुआ था । बहस मंगलवार को भी जारी रहेगी।
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In the NEET-UG case, there is a problem regarding two correct answers to a Physics question. On Monday, the Supreme Court asked IIT Delhi to tell one correct option for the question. The court asked the IIT director to form a team of three experts of the concerned subject who will give their opinion on one correct option out of the four options given for the question. The court has asked to send the opinion by 12 noon on Tuesday. After this, during the hearing, the Central Government and the National Testing Agency (NTA) will present their side. If the opinion of the experts is accepted by the court, the rank of lakhs of students may be affected. The thing is that there was a question in the NEET UG exam in which out of the four options given, two options were such, out of which one has been considered correct in the old syllabus and the other has been considered correct in the new syllabus. NTA has given marks to the students considering both the options as correct. During the hearing on Monday, a student demanded that the marks of that question be deleted, saying that he did not answer that question due to the ambiguity of the question and due to negative marking, he is suffering a loss because NTA has considered both the answers as correct and has given full marks to the students.
The student on whose behalf the argument was being made has got 711 marks in the exam and his rank is 317.
On these arguments, Chief Justice DY Chandrachud told Solicitor General Tushar Mehta, who appeared on behalf of the Central Government, that how can two answers be correct. Your answer key is also considering the fourth option as correct, while NTA is also considering the second option as correct. Mehta said, NTA has taken a decision in the interest of the students after considering the memorandums received from the students. Option two has been stated as correct in the 2019 book. The Chief Justice said, there is a talk of five marks on one question and these are a lot. The concern is related to lakhs of students, whose marks will be affected. After this, the court directed IIT Delhi to give its opinion on the right option. More than two dozen petitions are pending in the Supreme Court, most of which demand cancellation of the entire exam and re-examination. However, some petitions have also opposed re-examination. On the court's direction, NTA has released the city and center-wise results on the website. On Monday, the petitioners argued in which an attempt was made to prove that there was a systemic failure in the NEET-UG exam and it has not yet been proved that the paper leak is limited to Patna and Hazaribagh only, in such a situation, a re-examination should be ordered. On this, the Chief Justice asked, 'How will you establish that the paper leak happened in the whole country?' He also said that till now there is no such material on record which shows paper leak on a large scale. Asked what has emerged from the announcement of city and center-wise results. The court also said that looking at the investigation report of Bihar Police and its Economic Offenses Wing, it is known that the paper leak happened on May 4. The debate will continue on Tuesday as well.
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