UP BASIC SHIKSHA VIBHAG NEWS :: ऑनलाइन हाजिरी पर नहीं बनी शिक्षकों की बात , महानिदेशक से वार्ता रही फेल , पढ़े पूरी खबर

 UP BASIC SHIKSHA VIBHAG NEWS :: ऑनलाइन हाजिरी पर नहीं बनी शिक्षकों की बात , महानिदेशक से वार्ता रही फेल , पढ़े पूरी खबर 




डिजिटल अटेंडेंस के मुद्दे पर सोमवार को महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने विभिन्न शिक्षक संगठनों को अलग-अलग बुलाकर वार्ता की। इसमें कुछ संगठन शामिल हुए तो कुछ ने बहिष्कार किया। हालांकि महानिदेशक से वार्ता में कोई हल नहीं निकला। ऐसे में शिक्षक संगठनों ने डिजिटल अटेंडेंस का बहिष्कार जारी रखने का फैसला किया है।

राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष अजीत सिंह के नेतृत्व में गए प्रतिनिधिमंडल ने डिजिटाइजेशन में आने वाली व्यावहारिक समस्याओं से अवगत कराते हुए शिक्षकों की समस्याओं के निराकरण की मांग की गई। वहीं, निराकरण होने तक डिजिटाइजेशन का बहिष्कार जारी रखने का घोषणा की। प्रतिनिधिमंडल में महेंद्र कुमार, प्रदेश महामंत्री भगवती सिंह, प्रदेश संगठन मंत्री शिवशंकर सिंह, प्रदेशीय संयुक्त मंत्री प्रदीप तिवारी व रविंद्र पवार, महेश मिश्र शामिल थे।

वहीं, उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा के महानिदेशक से वार्ता में शिक्षकों के पुरानी मांगों का अब तक निस्तारण न होने की मुद्दा उठायो जबकि महिला शिक्षक संघ की प्रदेश अध्यक्ष सुलोचना मौर्य के नेतृत्व में गए प्रतिनिधिमंडल ने भी महानिदेशक के सामने शिक्षकों से जुड़ी मांगें रखीं।


शिक्षकों की ये हैं प्रमुख मांगे 

शिक्षकों को भी न्यूनतम 15 हाफ डे लीव व 30 अर्जित अवकाश मिले 

प्रिविलेज व प्रतिकर अवकाश निशुल्क कैशलेश चिकित्सा सुविधा मिले

आकस्मिक या आपदा की स्थिति में एक घंटे की देरी पर अनुपस्थित न माना जाए


डीएम बीएसए - एबीएसए के साथ शिक्षक प्रतिनिधियों से करें बात :

डिजिटल अटेंडेंस को लेकर शिक्षकों की नाराजगी दूर करने के लिए मुख्यमंत्री ने सभी डीएम, बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) और सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी (एबीएसए) के साथ मिलकर शिक्षकों व शिक्षक प्रतिनिधियों से संवाद करने के निर्देश दिए हैं। उनके प्रतिवेदन प्राप्त कर मुख्यालय को भेजें ताकि उनका समाधान किया जा सके। सीएम ने यह भी कहा है कि विद्यालयों में पठन-पाठन सुचारु रूप से चलता रहे, यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए। इससे पहले भी सीएम ने विभागीय अधिकारियों को शिक्षकों से वार्ता कर समाधान निकालने के निर्देश दिए हैं।

एमएलसी देवेंद्र सिंह ने फिर लिखा सीएम को पत्र 

वहीं, भाजपा एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह ने एक और पत्र मुख्यमंत्री लिखकर नौकरशाहों को घेरा है। कहा, इनके चलते सरकार की छवि शिक्षक व कर्मचारी विरोधी की बन गई है। उन्होंने पिछले दिनों महानिदेशक कार्यालय में गैरहाजिर पाए गए 85 कर्मचारियों की उपस्थिति पर भी सवाल उठाते हुए पूछा है कि क्या विभाग में डिजिटल हाजिरी लागू की है? पुराना स्मार्टफोन र में 17,500 में मिलता है और उसे अधिक मूल पर क्रय करने वाले अधिकारियों ने राजकोष की कितनी लूट की है।

शिक्षक अड़े :: मांगे मानी जाने तक नहीं लगाएंगे ऑनलाइन हाजिरी 

 प्रदेश भर में डिजिटल अटेंडेंस के विरोध में आंदोलन कर रहे बेसिक के शिक्षकों ने सोमवार को एकजुटता दिखाई। संयुक्त मोर्चा के बैनर तले स्कूल समय के बाद सभी जिलों में शिक्षक जुलूस के रूप में जिला मुख्यालय पहुंचे। शिक्षकों ने प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को दिया। इसमें कहा गया है कि उनकी ईएल, सीएल, हॉफडे और मेडिकल जैसी मांगे मानी जाने तक डिजिटल अटेंडेंस का बहिष्कार करते रहेंगे। वहीं, विभागीय असहयोग के तहत अलग-अलग जिलों में हजारों शिक्षकों ने शिक्षक संकुल के पद से सामूहिक इस्तीफा दिया। शिक्षक, शिक्षामित्र, अनुदेशक, कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के आहवान पर जिलों में बड़ी संख्या में शिक्षकों ने पैदल मार्च निकालकर नारेबाजी व प्रदर्शन • किया। इनका नेतृत्व प्राथमिक शिक्षक संघ, यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन (यूटा), जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ, अटेवा, शिक्षामित्र संघ व विशिष्ट बीटीसी एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने किया संयुक्त मोर्चा के संयोजक व यूटा के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र सिंह राठौर ने बताया कि आंदोलन की अगली कड़ी में अगले तीन दिन जिला स्तर पर शिक्षक जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन देंगे। 

राजधानी में डीएम और बीएसए को सौंपा ज्ञापन

बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में डिजिटल अटेंडेंस के विरोध में सोमवार को जिलाधिकारी और बेसिक शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर अपनी समस्याएं गिनाईं। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ यूपी के जिलाध्यक्ष सुधांशु मोहन की अगुवाई में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन दिया। इसी तरह शिक्षक शिक्षामित्र अनुदेशक कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के तहत शिक्षकों ने जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार से मुलाकात करके ज्ञापन सौंपा। डिजिटल अटेंडेंस को लेकर शिक्षकों ने तकनीकी समस्याएं भी गिनाई हैं। उनके मुताबिक प्रेरणा पोर्टल एप की प्राइवेसी पॉलिसी में 13 वर्ष से कम आयु के बच्चों का रिकार्ड रखने नियम नहीं है। जबकि बेसिक स्कूल में पढ़ने वाले ज्यादातर बच्चे 13 साल से कम आयु के हैं।


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