UP GOVT JOBS EXAM :: प्रदेश भर में छाया है पेपर लीक का मुद्दा , जाने योगी सरकार द्वारा बनाये गए नए कानून के बारे में

 UP GOVT JOBS EXAM :: प्रदेश भर में छाया है पेपर लीक का मुद्दा , जाने योगी सरकार द्वारा बनाये गए नए कानून के बारे में 




परीक्षा रद होने की दशा में साल्वर गिरोह को ही परीक्षा का पूरा खर्च उठाना होगा। प्रदेश को ऐसे कानून को जरूरत भी थी।

भर्तियां युवाओं को किस तरह प्रभावित करती हैं, इसे पुलिस भर्ती के आंकड़ों से समझा जा सकता है। पुलिस के 60,244 पदों के लिए 50 लाख से अधिक नौजवानों ने आवेदन किया था। पुलिस भर्ती बोर्ड द्वारा कराई गई परीक्ष में पेपर देने वाले 48 लाख से अधिक में एक-तिहाई लड़कियां भी थीं। इसी तरह आरओ/एआरओ को परीक्षा में 10.76 लाख युवाओं ने आवेदन किया ।। प्रदेश की सबसे विश्वसनीय संस्था उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित आरओ/एआरओ की परीक्षा में सात लाख से अधिक शामिल हुए। साल्वर गिरोह की सेंधमारी से एक के बाद एक दोनों बड़ी परीक्षाओं के पेपर लीक होने से पूरे तंत्र पर सवाल तो उठे ही, विपक्षी

दलों को चुनाव से ठीक पहले नौजवानों के साथ खड़े होने का एक और बड़ा मुझे भी मिल गया था। गौर करने की बात यह है कि इससे पहले भी प्रदेश में दारोगा भर्ती, अध्यापक पात्रता परीक्ष (टीईटी), एसएससी की मल्टी टास्किंग स्टाफ परीक्षा, हाई कोर्ट की ग्रुप सी और डी की परीक्षा, यूपीपीसीएल की अवर अभियंता आदि की आनलाइन भर्ती परीक्षों में भी साल्वर गिरोह सेंधमारी करते रहे।

अब वादे के मुताबिक पुलिस और आरओ/एआरओ की ही परीक्षा अगले दो माह में योगी सरकार को कराना है। राज्य में पहली बार कम से कम 10 विधानसभा सीटों के एक साथ उपचुनाव भी होने हैं। ऐसे में फिर किसी तरह से पेपर लीक होने की फजीहत से बचने और अब चुनावों को पेपर लीक की 'काली छाया' से बचाने की योगी सरकार ने परीक्षा की प्रक्रिया बदलने के साथ ही उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) 2024 जैसा नया कानून बनाया है। 

नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने की कोई हिमाकत न कर सके इसके लिए पेपर लीक को गैरजमानती बनाने के साथ लिप्त साल्वर गिरोह के सदस्यों को उम्रकैद की व्यवस्था नए कानून में है। 36 वर्ष पुराने उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) 1988 में अधिकतम दो वर्ष की सजा की ही व्यवस्था थी। ऐसे में अलग-अलग परीक्षाओं में सक्रिय गिरोह के सदस्यों साल्वर को एसटीएफ द्वारा पकड़ने पर भी लचर कानून के चलते उन पर पूरी तरह से शिकंजा नहीं कस पाता था। पुराना कानून साल्वर गिरोह की कमर तोड़ने वाला न होने से उसके कई सदस्य तो बिन किसी भय के एक के बाद एक परीक्षाओं में गड़बड़ी करने में शामिल होते रहे। चूंकि पेपर लीक आज भी बड़ा मुद्दा बना हुआ है, इसलिए माना जा रहा है कि भर्ती की नई प्रक्रिया व नए कानून से अब राज्य में होने वाली परीक्षाओं के न पेपर लीक होंगे और न ही दूसरी तरह की धांधली होंगी जिससे नौजवानों को नाराजगी कम होगी।


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