UP POLICE CONSTABLE RE-EXAM : संघ लोक सेवा आयोग जैसी होगी व्यवस्था , गड़बड़ी से निपटने के लिए किया जा रहा बड़ा बदलाव , पढ़े पूरी खबर
प्रदेश के विभिन्न आयोग, चयन बोर्ड की चयन प्रक्रिया को त्वरित एवं पारदर्शी तरीके से कराने के लिए परीक्षा केंद्रों का निर्धारण आदि के नियमों में बदलाव हुआ है. उप्र लोक सेवा आयोग की प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रबंधन के संबंध में भी शासनादेश जारी हुआ है. यह बदलाव पिछले दिनों कई परीक्षाओं में गड़बड़ी के बाद किया गया है. चार लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों वाली परीक्षा की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक मुख्य सचिव, डीजीपी करेंगे, जिसमें मंडलायुक्त, डीएम, पुलिस कमिश्नर, एसपी एसएसपी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल होंगे.
पहले एडीएम सिटी होते थे NODAL OFFICER
बदले नियमों के तहत जिलाधिकारी परीक्षाओं के नोडल अधिकारी बनाए गए हैं. पहले इन परीक्षाओं के नोडल अधिकारी एडीएम सिटी होते थे. नए नियमों में सबसे पहले परीक्षा केंद्रों के चयन में शुचिता व पारदर्शिता बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है. डीएम परीक्षा केंद्र निर्धारण समिति के अध्यक्ष बनाए गए हैं. एसपी एसएसपी सदस्य हैं. जिन जिलों में कमिश्नरेट है वहां पुलिस आयुक्त की ओर से नामित अधिकारी सदस्य होंगे, एडीएम सिटी, एनआइसी अधिकारी, उच्च शिक्षा अथवा तकनीकी शिक्षा के अधिकारी, डीआइओएस भी सदस्य बनाए गए हैं. नए नियमों के चलते अब पुलिस भर्ती परीक्षा के केंद्र नहीं मिल पा रहे हैं.
फरवरी में हुई थी पुलिस भर्ती परीक्षा
इसी वर्ष 17-18 फरवरी को पुलिस की कांस्टेबल भर्ती परीक्षा हुई थी जो रद हो गई थी.
वही परीक्षा अब होने जा रही है जिसकी तैयारी के लिए जिला प्रशासन को लगाया गया है.
अब अभ्यर्थियों का नया प्रवेश पत्र बनेगा. फरवरी में जनपद में कुल दो लाख 78 हजार 976 अभ्यर्थी थे 126 केंद्र थे.
परीक्षा चार पालियों में थी. प्रत्येक पाली में 69744 अभ्यर्थी थे. इस बार भी इतने ही अभ्यर्थियों के होने की उम्मीद है.
गुरुवार तक 51 परीक्षा केंद्रो की रिपोर्ट भेजी गई. इसमें 49 केंद्र में 19644 अभ्यर्थियो के बैठने की व्यवस्था है.
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी को सेंटर बनाने के लिए बातचीत चल रही है.
इसके अलावा रज्जू भैया स्टेट यूनिवर्सिटी में 600, यूपीआरटीओयू में 500 व एमएनएनआइटी में 1400 अभ्यर्थी बैठ सकेंगे.
टेंपर प्रूफ बाक्स में होंगे पेपर
प्रश्न पत्र तैयार कराने से लेकर प्रिंटिंग प्रेस में भी नए सुरक्षा नियम लागू हुए हैं. प्रश्न पत्र के यूनिक सीरिज को गोपनीय रखा जाएगा. प्रश्न पत्र उत्तर पुस्तिका को ले जाने के बक्से को टेंपर प्रूफ मल्टीलेयर पैकेजिंग की व्यवस्था होगी.
एआइ से पकड़े जाएंगे साल्वर
अब परीक्षाओं में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) की मदद भी ली जाएगी. इसके माध्यम से परीक्षाओं में साल्वर पहले ही पकड़े जा सकेंगे. आधार कार्ड से अभ्यर्थी का बायोमैट्रिक डाटा पहले से अधिकारियों के पास रहेगा. अभ्यर्थिये को केंद्र का आवंटन रैंडम होगा, जिससे एक ही कोचिंग अथवा शैक्षिक संस्थान के छात्र एक ही केंद्र में परीक्षा न दे सके.
परीक्षा केंद्रों के निर्धारण को मानक
परीक्षा केंद्रों का चयन दो श्रेणी में होगा. श्रेणी ए में आवश्यक सुविधाओं वाले राजकीय माध्यमिक विद्यालय, राजकीय डिग्री कालेज, राज्य व केंद्र के विश्वविद्यालय पाली क्निक, राजकीय इंजीनियरिंग कालेज, राजकीय मेडिकल कालेज ही सम्मिलित होंगे. श्रेणी बी में ऐसे ख्याति प्राप्त तथा सुविधा संपन्न वित्त पोषित शैक्षणिक संस्थाएं ही सम्मिलित होंगी. बस स्टैंड, स्टेशन, कोषागार की दूरी (10 किमी की परिधि में), केंद्र तक जाने वाले मार्ग, सीसीटीवी की अनिवार्य उपलब्धता हो. वित्तविहीन निजी शैक्षणिक संस्थाओं को कदापि केंद्र नहीं बनाया जाएगा.
परीक्षा के लिए अलग-अलग एजेंसियां
परीक्षा कराने के लिए अलग-अलग एजेंसियां होगी. एजेंसी ए द्वारा प्रश्नपत्र तैयार करना, छपवाना, उन्हें कोषागार तक पहुंचाना, एजेंसी के द्वारा परीक्षा को संपन्न कराना, जिसमें प्रश्नपत्रों को कोषागार से केंद्र तक पहुंचाना, केंद्र की सभी व्यवस्था व परीक्षा के बाद ओएमआर शीट को आयोग बोर्ड तक पहुंचना एजेंसी सी द्वारा केंद्र पर सुरक्षा व्यवस्था, जिसमे सिक्योरिटी, फ्रिस्किंग, बायोमैट्रिक कैप्चर, सीसीटीवी, कंट्रोल रूम की स्थापना शामिल है. श्रेणी डी द्वारा ओएमआर शीट की स्कैनिंग आयोग बोर्ड परिसर में ही कराकर परीक्षा का स्कोर चयन संस्था को उपलब्ध कराना है.
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