UPPSC EXAM NEWS :: पेपर आउट की घटनाओ पर रोक लगाने के लिए आयोग ने की एक और पहल , अब केंद्रों पर नहीं जायेंगे अतिरिक्त प्रश्न पत्र , पढ़े पूरी खबर
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की किसी भी परीक्षा में केंद्रों तक एक भी अतिरिक्त प्रश्न पत्र नहीं ले जाया जाएगा। प्रश्न पत्रों की संख्या अभ्यर्थियों की संख्या के बराबर होगी।
ऐसे में बक्से खुलने के बाद अगर एक भी पेपर कम निकलता है तो इसकी जांच कराई जाएगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पेपर लीक हुआ है या नहीं। पेपर लीक रोकने और गड़बड़ी करने वालों पर नजर रखने के लिए आयोग की ओर से उठाया गया यह कदम काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
यूपीपीएससी के साथ अन्य भर्ती संस्थाओं की परीक्षा में भी इसे लागू किए जाने की तैयारी है। पेपर लीक के मामले सामने आने के बाद भर्ती संस्थाएं अक्सर यह आशंका जताती हैं कि कोषागार से केंद्र ले जाते वक्त बीच में किसी ने बंडल से पेपर निकालकर उसे वायरल कर दिया या केंद्र पहुंचने के बाद बंडल से पेपर निकालकर सोशल मीडिया पर वायरल किया गया। नई व्यवस्था के तहत प्रश्न पत्रों को सात लेयर में सुरक्षित रखने के साथ यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि केंद्र में पेपर पहुंचने के बाद बाहर न आ सके।
पहले 24-24 प्रश्न पत्रों का बंडल बनता था और बंडलों को केंद्र में खोला जाता था। ऐसे में अभ्यर्थियों के बीच प्रश्न पत्र वितरित होने के बाद बंडल में रखे कुछ पेपर बचे रह जाते थे और परीक्षा के दौरान इनके वायरल होने की आशंका बनी रहती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं हो होगा। नई व्यवस्था के तहत प्रश्न पत्रों को अलग से लोहे के डिजिटल लॉक वाले बक्सों में रखा जाएगा, जिस पर आगे-पीछे दो ताले लगेंगे और हर प्रश्न पत्र अलग से सील बंद पैकेट में होगा। ऐसे में परीक्षा केंद्रों में उतने ही प्रश्न भेजे जाएंगे, जितने अभ्यर्थी उस केंद्र में परीक्षा देने के लिए पंजीकृत हैं। अगर सभी अभ्यर्थी उपस्थिति नहीं हैं तो बचे हुए प्रश्न पत्रों को वापस डिजिटल लॉक वाले बक्सों में रख दिया जाएगा। अगर पंजीकृत अभ्यर्थियों की संख्या के मुकाबले बक्सों से कम पेपर निकलते हैं तो यह भी जांच का विषय होगा। प्रश्न पत्रों की सुरक्षा को लेकर इन तमाम व्यवस्थाओं के लागू होने के बाद कोषागार से पेपर निकलने और अभ्यर्थियों के बीच वितरित होने तक हर चरण में यह आसानी से पता लगाया जा सकेगा कि प्रश्न पत्रों से कोई छेड़छाड़ हुई है या नहीं।
साथ ही परीक्षा से पहले या परीक्षा के दौरान अगर पेपर वायरल होने के आरोप लगाए जाते हैं तो यह पता लगाने में भी देर नहीं लगेगी कि गड़बड़ी हुई है या नहीं और अगर हुई है तो किस स्तर पर की गई है और इसके लिए कौन जिम्मेदार है।
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