UPPSC NEWS :: 44 फीसदी अभ्यर्थियों ने ही देखी कॉपी , प्रक्रिया हुई पूरी , पढ़े पूरी खबर
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) में पीसीएस जे मुख्य परीक्षा- 2022 की कॉपियां दिखाए जाने की प्रक्रिया मंगलवार को पूरी हो गई। इसके लिए बुलाए गए मुख्य परीक्षा में शामिल कुल 3019 परीक्षार्थियों में से 44.48 फीसदी परीक्षार्थी अपनी कॉपियां देखने आयोग पहुंचे। कई अभ्यर्थी प्रदेश के दूर दराज के जिलों से भी आए। कुछ अभ्यर्थियों ने कॉपियां देखने के बाद अपनी आपत्तियां दर्ज कराई हैं, जिनके निस्तारण के बाद आयोग परीक्षा परिणाम पर कोई निर्णय लेगा। आयोग पीसीएस जे- 2022 का चयन परिणाम घोषित कर चुका है और ज्यादातर अभ्यर्थियों को नियुक्ति भी मिल चुकी है।
ऐसे में परिणाम संशोधित होने की स्थिति में पूर्व में चयनित कुछ अभ्यर्थियों को मेरिट से बाहर जाना पड़ सकता है और उनका चयन निरस्त किया जा सकता है। पीसीएस जे मुख्य परीक्षा 2022 में शामिल अभ्यर्थी श्रवण पांडेय ने सूचना के अधिकार के तहत कॉपी देखने के बाद दावा किया था कि कॉपी पर उनकी हैंडराइटिंग नहीं है। श्रवण ने इस मामले में हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
आयोग ने जब जांच कराई तो पता चला कि गलत कोडिंग के कारण एक साथ 50 अभ्यर्थियों की कॉपियां एक-दूसरे से बदल गई हैं। यह गड़बड़ी सामने आने के बाद आयोग ने मुख्य परीक्षा में शामिल सभी 3019 परीक्षार्थियों को कॉपियां देखने के लिए बुला लिया । 20 जून से 30 जुलाई तक कुल 1343 अभ्यर्थियों ने अपनी कॉपियां देखीं, जिनमें आखिरी दिन यानी मंगलवार को कॉपियां देखने के लिए आयोग पहुंचे 48 अभ्यर्थी भी शामिल हैं।
अभ्यर्थियों को कॉपियां देखने के लिए अधिकतम 30 मिनट का समय दिया गया। कुल छह विषयों की कॉपियां दिखाई जानी थीं। ऐसे में अभ्यर्थियों को एक विषय की कॉपी देखने के लिए पांच मिनट का समय मिला। आयोग के सूत्रों का कहना है कि कई अभ्यर्थियों ने कॉपियों के पाति मूल्यांकन को लेकर अपनी 31 आपत्तियां दर्ज कराई हैं, जिनका से 3 निस्तारण आयोग अपने स्तर बजे से करेगा।
आपत्तियों के निस्तारण के बाद हो सकते हैं बदलाव
सूत्रों का कहना है कि अभ्यर्थियों की ओर से कॉपियों के मूल्यांकन को लेकर दर्ज कराई गई आपत्तियों के निस्तारण के बाद सुधार के लिए आयोग कुछ जरूरी कदम उठा सकता है। ऐसे में कॉपियों के मूल्यांकन को लेकर भविष्य में कुछ बदलाव किए जा सकते हैं। हालांकि, कॉपियों की अदला- बदली का मामला सामने आने के बाद ही आयोग ने कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए थे। आयोग ने तय किया है कि अब मुख्य परीक्षा में शामिल होने वाले सभी अभ्यर्थियों की हैंडराइटिंग के नमूने लिए जाएंगे, कॉपियों पर कोडिंग प्रक्रिया की क्रॉस चेकिंग कराई जाएगी और परीक्षा नियंत्रक एवं पर्यवेक्षण अधिकारी की जिम्मेदारी भी तय की जाएगी।
विधान परिषद में उठा पीसीएस जे का मुद्दा
प्रयागराज। एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह ने पीसीएस जे मुख्य परीक्षा- 2022 में 50 कॉपियों की अदला-बदली का मामला विधान परिषद में उठाया है। एमएलसी ने कहा है कि यह अक्षम्य अपराध है। प्रतिभाशाली प्रतियोगी छात्रों के हक पर डाका डालने का आपराधिक कृत्य है। हालांकि, इस मामले में जिम्मेदार कार्मिकों पर आयोग के अध्यक्ष ने विभागीय कार्रवाई की है लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। कार्रवाई ऐसी होनी चाहिए, जो एक मिसाल बने। उन्होंने मांग की है कि इसकी जांच एसआईटी/ एसटीएफ से कराकर स्पेशल कोर्ट गठित कर तीन माह के भीतर फैसला किया जाए और कठोरतम सजा दी जाए।
टिकीं अभ्यर्थियों की नजरें
पीसीएस जे मुख्य परीक्षा- 2022 की कॉपियां दिखाए जाने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अभ्यर्थियों की नजर अब आयोग के निर्णय पर टिकी है। अभ्यर्थी जानना चाहते हैं कि इस पूरे मामले में आयोग क्या निर्णय लेता है और उसके फैसले से परीक्षा में शामिल कितने अभ्यर्थी प्रभावित होते हैं।
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